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________________ नाहित. स्थानकवाशी कॉन्फरन्स ऑफिसना प्रेसीडेन्ट श्रीयुत ला । गोकुलचंदजी झवेरी (दिल्ली) : कॉन्फरन्स एकाश 'मां खुल्ला नामथी लखे छे के:__आपका अदल दर्गे का फर्ज है कि, जैन समाज में विद्या, सेवा आव व एका का प्रचार करने वाली सर्वोत्तम संस्था को याने“संयुक्त जैन विद्यार्थी गृह" को प्रसन्न चित्त से सहाय करो। १ 'संयुक्त जैन विद्यार्थी गृह' क्या है ? सुप्रसिद्ध स्थानकवासी जैनबन्ध मि. वाडीलाल मोतीलाल शाह ने अपना सर्वस्त्र अर्पण करके सारे हिंद के किसी पूजक या स्थानकवासी युवाआ को उच्च इंग्लिश शिक्ष. हो और धार्मिक संस्कार भी मिले इस आशय से बम्बई व अहमदाबाद इन दोनों शहर म विद्यार्थी गृह याने बााडग हाउस खोल दिये हैं । मि० वाडीलाल जिनको कि धर्म व इंग्लिश शिक्षा दोनों बातें का कई वर्षों का अनुभव है व खुद अपना रोजगार छोड़ के दोनों संस्था का काम समालते हैं और तीनों सम्प्रदाय के प्रसिद्ध सज्जनों की कमेटी भी मुकर्रर की गई है । मि० वाडीलाल ने अहमदाबाद में रु० ४२०००) लगा के मकान बनवाया है, जिसमें फिल हाल ४० विद्यार्थी रक्खे गये हैं । बम्बई में मासिक रु० १५० ) के किराये से उन्होंने अपने खर्च से मकान लेकर ४० विद्यार्थियों को रक्खे है। किराका, मुप्रिन्टेन्टेन्ट, नौकर, लाइब्रेरी खर्च . .
SR No.537769
Book TitleJain Hitechhu 1917 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVadilal Motilal Shah
PublisherShakrabhai Motilal Shah
Publication Year1917
Total Pages74
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Hitechhu, & India
File Size10 MB
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