SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 51
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ૧૯૦૯) મારવાડ પ્રાંતિક કોન્ફરન્સ તીસરા અધિવેશન સક્ષિપ્ત રીપાર્ટ. ( ૪૩ मारवाड प्रांतिक कान्फरन्सका ३ रा अधिवेशनका संक्षिप्त रिपोर्ट. प्र. इस महासभाका जलसा मुरवाडा जोकि एक तीर्थस्थल है जहां श्री पार्श्व भुका विशाल मन्दिर बनाहुआ सोभायमान है, जहां मगसर सुद १२ तथा १३ को एक मेला ( जत्रा ) भरता है उस समय इस पवित्र स्थल पर इस प्रांन्तिक कान्फरन्सका उत्सव आनन्दपूर्वक निर्विघ्नत्तासें हुआ. इस पवित्र स्थलकी निगरानी निकटके चंदावल तथा नवागरके भ्राताओं रखते हैं. प्रथम प्रांतिक कान्फरन्स फलोधी तीर्थ स्थल पर तथा दूसरी वरकानाजी तीर्थपर कीगई. इस तीसरी कान्फरन्सका अधिवेशन इस पवित्र तीर्थस्थल होना योग्य समजु योग्य २ पुरुषों की सम्मति अनुसार कुंकुमपत्रीका छपवाकर भेज दी गई और सदर सभा के लिये कोशीश कीगई. डेरा शामयाना अजमेर निवासी शेठ हीराचन्दजी व कस्तुरचन्दजीसे मांगे गये मंडप छटादार मनोहर भंडारी धनपतचंदजी साहिबने सजाया. सभासदोका आगमन मगसर सुद १३ ता ५-१२-१९०८ को हुआ. इस प्रांतके चंडावल बगडी, करमावस, रायपुर, केलवास, बीलाड, खोखरा, देवली, कटाल्या, खास्वी, धुंधला, दोरनदी, बीलावस, रूपावस, धुदोद, धाकडा, बीजाजी कागुडा, धीनावस, जोधपुर, पाली, सोजत, नवानगर, अजमेर इत्यादि ग्रामोंके स्वधर्मी भाई २५०० के अनदाज इकठे हुए. इस कार्य के प्रबन्धके लिये हीरालालजी सुराना पहिलेसेही सोजतसें बुलाये गये तथा अजमेर निवासी शेठ. हीराचन्दजी सचेती तथा कस्तुरमलजी सा. सुद १२ को ही वहां पधार गये थे. कान्फरन्सका कार्य्यं मध्यान कालसे शुरू किया गया. रिसपेशन कमेटी के प्रेसीडेन्ट शेठ. रूपचन्दजी वांढियाने चंडावल निवासी संघकी ओरसे कुंकुमपत्रिका सुनाई गई और पधारने वाले स्वामी भाइयोंका उपकार माना गया. प्रमुख सा. के निमित दरखास्त शेठ. हंसराजजी कांठेड बगडीवालेनें शेठ. हीराचंदजी साहिब अजमेर निवासीको सदर पद लेने वास्ते दरखास्त करी. और चंडावल - निवासी शेठ व नवान गरनिवासी शेठ धनपतचन्दजी भंडारीके अनुमोदनसे शेठ साहिबने प्रमुख पद स्वीकार किया और खुशी प्रगट कर सभासदों का उपकार माना.
SR No.536505
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1909 Book 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1909
Total Pages438
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy