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________________ .. जैन कॉन्फरन्स हेरैल्ड. जनवरी और साथही स्याद्वाद पाठशालामें धार्मिक शिक्षाभी पावे और वहां रहे और स्वाध्याय प्रतिदिवस जैन शास्त्रोंकी एक घंटा कियाकरे. ___ इसके बाद ५१ बजे जलसा बर्खास्त हुका... ....... सभापति साहब जलसेमें १॥ बजे पधारे. .१ बाबू अजित प्रसादने मङ्गलाचरण पढा. ता. २६ दिसेम्बरके *. २ मगनबाई सुपुत्री . शेठ मानकचन्दजी सभापतिने स्त्री शिक्षाफर जलसेका वृतान्त. 1 . व्याख्यान दिया जिसका आशय यह था कि स्त्रियोंका मेलोंमें बडा कर्तव्य होता है और ये . वास्तवमें किसतरह समय व्यतीत करती है इसके अर्थ उत्तम प्रकार शिक्षाकि आवश्यकता और इसके गुण कहे. स्त्रीगणमें कन्या विधवा आर सौभाग्यवती तीनोंका कर्तव्य भले प्रकार बताया. और इस व्याख्यामका असर स्त्रीगणपर बहुत हुदा ३० मिनीट.) . . . . . . . . . .... ३ बाबु जुगमन्दिरलाल एडीटर जैन गजेटने भी स्त्रीशिक्षापर व्याख्यान दिया जो १ भागोंमें विभक्त था. , ... . . १ औरतों की तालीम सब हिस्सोंमें जरूरत मानी गई है. .. ...२ जैनियोंके मतमें जाबजा विद्या सीखनेकी हिदायत है. ३ हमारे मतको, हमारी कोमको और हमारे चालचलनको ज्यो पढी लिखी. औरते फायदा पहोंचा सक्ती हूँ और तरह नहीं पहुंच सक्ता .... ४ हमारे यहां स्त्रीशिक्षा ने तरकी क्यों नहीं पाई इसका कारण. ६ औरतों को तालीम देने के लिए क्या क्या जरिये हमे काममें लाना " चाहिये. ( ३० मिनिट.) ४ श्रीमती कालीचरणकी माताने मगनबाईका समर्थन किया एक और स्त्रीने भी इनके पश्चात् 'कुछ कहना चाहाथा 'परन्तु समय न होनेके कारण नहीं कह सकी. ..... ५ बाबू अर्जुनलाल सेठी बी. ए. ने श्रीमती मगनबाईकी प्रशंसा की और एसोसिएशन या महासभासे प्रार्थीहुए कि इनको ५०, रु. का सोनेका मैडल दिया जावे कि और स्त्रियोंको भी उत्तेजन हो. . . . . . • ६ बाबू मानकचन्दने भी मगनबाईका समर्थन किया अधिक यह था कि उन्होने क्रिपामें लानेके दो मुख्य कारण बताये. ..... ... र अपनी स्त्री और माताओंको अवश्य शिक्षा दिलाई जावे. . २. एसोसिएशनका कर्तव्य है कि · अध्यापिका पैदा करें और इसके वास्ते ..स्कालरशिष नियत होना चाहिए. .. . ... .............. इसके पश्चात् बहुतसे मैडस्स और स्कालरशिप्सस दी गई.। ........
SR No.536502
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1906
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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