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________________ मैनपुरी के मूर्ति-लेखों से प्राप्त परिचय मैनपुरी के जिन चार दिगम्बर जैन मंदिरों की मूर्ति एवं ताम्रपत्र - लेखों का संग्रह प्रकट किया गया है, उनसे जो परिचय प्राप्त होता है, उसे पाठकों के अवलोकनार्थ हम नीचे अंकित करते हैं । सबसे पहिले आचार्यों और भट्टारकों का विवरण इस प्रकार है: -- विशेष विवरण नं० ง भ० अभवचन्द्र २ भ० अभयनन्द देव 8 ८ नाम आचार्य व भट्टारक ६ " " गुणकीर्ति ,, गुणभङ्ग 35. 55 "" कमलकीर्ति " 99 " चंद्रकीर्ति जिनचंद्रदेव : : : : गुरु का नाम ...... भ० अभवचन्द्र संघ मूल बलात्कार "; काष्टा 93 गण मूल काष्टा 99 : : : : ⠀⠀ गच्छ अन्वय सरस्वती कुंदकुंद ० सं० १६६२ से पूर्व 66 : : : : ::: 95 : किस समय में उल्लेख मिलता है । : : : "" सं० १५४५ सं० १४७३ सं० १४३७ सं०१५२६ व १५३१ पन्द्रहवीं श० सं० १६५२ सं० १४१३ सं० १६६२ में इनके पट्ट पर आचार्य रत्नकीर्ति विराजमान थे । सं० १५०६ व सं० १५१० लेखों में भी भ० कमलकीर्ति का उल्लेख है । इनकी आन्नाव में भ० मलयकीर्ति हुए । सं० १५३७ - १५४५ में इनके पट्ट पर लक्ष्मीसेन थे २२ भास्कर भाग २
SR No.529551
Book TitleJain Siddhant Bhaskar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Siddhant Bhavan
PublisherJain Siddhant Bhavan
Publication Year
Total Pages417
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Siddhant Bhaskar, & India
File Size10 MB
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