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वर्ष ३, किरण १२
शिक्षित महिलाओं में अपव्यय
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चश्मेसे प्रांखोंका सर्वनाश करके भी उसका शौक पूरा वालेका अफगान स्नो इस्तेमाल करते करते मैं तो थक किया जाता है । कुछ लिखनेकी पादन हो और मौके चुकी इस बार रातके लिए पान्ड्सकोल्ड क्रीम और बेमौके कुछ लिखनेका काम पड़ जाता हो सोबात नहीं पर दिन में लगाने के लिए पान्ड्स वेनिशिंग क्रीम लाइगा।' पारकर पेन जे बमें जरूर सुशोभित होना चाहिए। मेंहदीका इस वेढङ्गे रवैये में कमी होना तो दूर रहा किन्तु हमारे स्थान क्यूटेक्सने लिया । नाकमें नथकी जगह पर बाज़ारू घरोंकी जड़ोंको खोखला करनेके लिए इसकी चक्रवृद्धि कांटोंने कब्जा किया । रोज काम में आने वाली जुल्फे व्याजकी तरह दिन दूनी और चौगुनी बढ़वारी हो रही बंगाल बहार, हेयर प्राइल, भूतनाथ तेल, कामिनिया है। समाजका भला चाहने वाले नेताओंने हमारे बहार तेल, ठेठ लन्दन का बना कोकोनट हेयर प्राइल, सामाजिक फिजूल खर्चों पर गला फाड़ फाड़कर ताला जुल्फे बहार, लक्ससोप, पियर्स सोप, गोडरेज, हम्माम, लगानेकी कोशिश की तो इधर हमारी शिक्षित देवियोंने सनलाइट सोप, हेयर क्रीम, हिमानी स्नो, हवाइर स्नो, अपने मेक अप करनेके खर्च को बेशुम्मार बड़ा दिया जो पोण्ड्स क्रोम, कोल्ड क्रीम, वेसलीन,तरह तरहके सेण्ट, उससे भी खतरनाक और बेकाबूका हो रहा है । यदि लवण्डर, गुलाबी पाउडर, टुथ पाउडर, ऐसी सैंकड़ों ही हिसाब लगाकर देखा जाय तो प्राजकी पढ़ी लिखी कमसे कम उपयोगी और अधिक से अधिक खर्चीली साधारणसे साधारणु हैसियय वाली बहनका सिर्फ चीजोंका स्टेशन के मालगोदामसे आने वाली गाड़ीमें, बालों और मुँहके मेकअप करनेके खों में कमसे कम जते हुए बैलोंकी तरह भार ढोते ढोते घरके श्रादमियोंकी १०) ११) २० माहवार तो तेल, साबुन, क्रीम आदि पीठ पर बल पड़ गये, पैरों फफोले हो गये और पाकिट चीजों में ही पड़ जाता है। पैसोंसे विद्वेष करने लगा, पर हमारो गृह देवियोंके द्वारा इसके अतिरिक्त कपड़े लत्तोंका खर्च देखिए ? मौके-बेमौके, असमय, दिन और रात जब कभी भेंट साड़ियां ? उफ ? एक से एक बढ़कर नित नयी पहनने हुई, पुरुषोंके साथ बरते जाने वाले–“देखिये न को चाहिएँ । आज एक साड़ी खरीदी गई और कल जो पाउडरका डिब्बा आज दो रोज़से खाली पड़ा है ? और यदि उसके डिजायनका फैशन बदल गया तो उसमें इस बार कोटेका एयर स्पन पाउडर लाइएगा, वड़ी रुपये जो खर्च हुए वे सब बेकार गये। हैसियतके तारीफ सुनी है उसकी ।' 'अरे मुन्नू ! जा वो तेरे अनुसार एक एक साड़ीमें १०) १५)२५) ३०) १०) बापूजी बाजार जा रहे हैं, उनसे कह, आते समय आज १००) और इससे भी अधिक रुपया खर्च होता है। विलायती टूथ पाऊडर और क्रोम, स्नो, बिवेलिन आजकल जारजटको साड़ियोंका ऐसा सिलसिला बंधा हेयर प्राइल और कोई अच्छा सा बिलायती सोप है कि हर एकके घरमें दस पांच साड़ियां खरीदी ही जरूर लेते प्रावें । पहले ही देशी तेल-साबुन लाकर जाती हैं । इन साड़ियों में पैसा तो अधिक खर्च होता रख दिया किसी कामका नहीं।' 'अजी सुना है बालोंके ही है साथ ही इन्हें पहन कर बहनें अपने खास लिए विटेक्स औप नाखूनों के लिए क्यूटेक्स बड़ा अच्छा आभूषण लज्जासे भी बेखबर हो जाती हैं । सलूके, रहता है फिर वह जापानी हेयर क्रीम औ स्थूलनका पेटीकोट, जम्पर आदिमें रोज नयी नयी कांट छाँट चलती ज्विल्टन क्यों काममें लिया जाय।' 'देखिएजी पाटन रहती हैं जिनमें कीमती कपडा और सजावटका सामान