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________________ वीर-सेवा-मन्दिरको सहायता हाल में वीरसेवामन्दिर सरसावाको २८) रु० की सहायता निम्न सज्जनोंकी ओरसे प्राप्त हुई है, जिसके लिये दातार-महानुभाव धन्यवादके पात्र हैं: ५) पं० वन्शीधर जी जैन व्याकरणाचार्य बीना जि० सागर ५) ला० वन्शीधर सुमेरचन्द जी जैन, बैलनगंज, आगरा (चि० प्रतापचन्दके विवाहको खुशीमें) ५) दिगम्बर जैन समाज, पानीपत (दशलक्षण पर्व पर दानमें निकाली हुई रकममेंसे) ५) बा० मुख्तारसिंहजी जैन बी. ए. सी. टी. असिस्टेंट मास्टर गवर्नमेंट हाई स्कूल, मुजफ्फर नगर (माताजीके स्वर्गवासके उपलक्षमें निकाले हुए दानमें से)। अधिष्ठाता वीर-सेवा-मन्दिर सरसावा जि० सहारनपुर महावीर सरल-जैन-ग्रन्थमाला, जबलपुर बालकों का सचित्र हिन्दी मासिक पत्र है। की ही पुस्तकें आज प्रायः सभी जैन स्कूलों और इसमें हिन्दी संसारके सुप्रसिद्ध लेखकों और पाठशालाओं में पढ़ाई जाती हैं। पुस्तके मँगाते कवियोंकी सुन्दर रचनाये रहती हैं । बालकोपयोगी रोचक और अनूठी गद्यपद्य पुस्तकोंके लेखकोंको समय ध्यान रखिये कि वे 'सरल जैनग्रन्थमाला' समुचित पुरस्कार दिया जाता है। द्वारा प्रकाशित हैं। १२) की पुस्तके मँगाने पर "महावीर"बालमासिक पत्र साल भर बिना मूल्य आज ही ग्राहक बनिये । वार्षिक मूल्य सवा रुपया और एक प्रतिका दो आना। मिलेगा। पता-महावीर, जबलपुर आज ही आर्डर भेजिये।
SR No.527158
Book TitleAnekant 1940 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1940
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size9 MB
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