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________________ सुपुत्र श्री जिनेन्द्र कुमार जैन (उपनाम-लाला) सेवा निवृत्त बैंक अधिकारी हैं। पुत्रवधू श्रीमती तारा जैन अत्यन्त सेवाभावी सुगृहणी हैं। आदरणीय पं. जी को घर में पोते, पोतियों, नाती, नातिनें सभी बाबा नाम से सम्बोधित करते थे। आपकी धर्मपत्नी का निधन 1995 में हो गया था। श्रमण संस्कृति के अनन्य उपासक होने के साथ ही आप राष्ट्र एवं राष्ट्रभाषा की प्रगति के लिये सतत् सचेष्ट रहे। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के योद्धा बनते हुए आपने आजीवन खादी पहनने का व्रत लिया तथा उसे जीवन पर्यन्त निभाया। घर-घर जाकर हिन्दी साहित्य की पुस्तकें बेची। जिससे हिन्दी का प्रचार हुआ। 1942 से 1949 तक आपने हिन्दी भाषी जैन पत्र जैन हितेच्छु का सम्पादन किया। 1971 से 1984 तक दिगम्बर जैन मालवा प्रान्तिक सभा बड़नगर एवं महावीर ट्रस्ट इन्दौर के मुख पत्र सन्मति वाणी का भी सम्पादन किया। 1984 से जीवन पर्यन्त आप सन्मति वाणी के परामर्श सम्पादक तथा विगत अनेक वर्षों से परिणय प्रतीक के परामर्शदाता रहे। ज्योतिष के क्षेत्र में आपकी प्रावीण्यता एवं प्रतिष्ठा का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि गत 1934 से वे जीवन पर्यन्त जैन तिथि दर्पण का निर्माण कर प्रकाशन कराते रहे। समस्त जैन व्रतों एवं पर्वों का निर्धारण इसी तिथि दर्पण से होता है। सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अन्य अनेक दायित्वों के अतिरिक्त वे 5 के दशक से 1987 तक अ. भा. दि. जैन महासभा परीक्षा बोर्ड के मंत्री रहे। इसके अतिरिक्त 1979 में अ.भा. दि. जैन विद्वत् परिषद् के अध्यक्ष तदुपरान्त आजीवन संरक्षक, 1988 से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परीक्षा बोर्ड (परीक्षा संस्थान) के निदेशक, 1995 से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ कार्य परिषद् के उपाध्यक्ष के रूप में आप अपनी अमूल्य सेवायें निष्पृह भाव से प्रदान करते रहे। आप वीर निर्वाण ग्रंथ प्रकाशन समिति इन्दौर, जैन सहकारी पेढ़ी इन्दौर (पूर्व अध्यक्ष एवं परामर्शदाता), वर्द्धमान विशांतिगृह, विद्यार्थी सहायता कोष, भगवान बाहुबली गोम्मटगिरी ट्रस्ट (उपाध्यक्ष), धन्नालाल रतनलाल काला ट्रस्ट, जवरचन्द फूलचन्द गोधा ग्रंथमाला तथा दिगम्बर जैन समाज इन्दौर (संरक्षक) से विविध रूपों में जुड़े रहे हैं। साहित्य सेवा के क्षेत्र में आपके द्वारा निम्नांकित पुस्तकों का सृजन / सम्पादन किया गया। 01. महिलाओं के प्रति, लाला हजारी लाल छगनलाल मित्तल, इन्दौर, 1933 02. दिगम्बर जैन मुनियों का आदर्श, इन्दौर, 26.11.34 ( अनाम ) जैन विवाह विधि, इन्दौर, 1950 03. 04. अध्यात्म पंचसंग्रह, उदासीन आश्रम, इन्दौर, 1940 (सम्पादित) 05. वीर निर्वाणोत्सव एवं नवीन बही मुहूर्त विधि, इन्दौर, 1950 अभिषेक पाठ, प्रस्तावना सहित इन्दौर, 21-08-56 07. जैन विवाह संस्कार, श्री जवरचन्द फूलचन्द गोधा ग्रंथमाला, इन्दौर, 1970 08. तीर्थ यात्रा भाग 18 श्री जवरचन्द फूलचन्द गोधा ग्रंथमाला आदि विभिन्न स्थानों से प्रकाशित, 1977 आदि । 09. कलिकुण्ड पार्श्वनाथ पूजन, हुकुमचन्द सोगानी, इन्दौर, 1977 ( अनाम ) 10. जिनपूजा / जिन मंदिर (सह लेखक एलाचार्य मुनिश्री विद्यानन्द), वीर निर्वाण ग्रंथ प्रकाशन समिति, इन्दौर, 1982 4 7 Jain Education International For Private & Personal Use Only अर्हत् वचन, 19 (3), 2007 www.jainelibrary.org
SR No.526575
Book TitleArhat Vachan 2007 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2007
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size7 MB
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