________________
भगवान महावीर जन्मभूमि पर अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता 2002
परमपूज्य, गणिनीप्रमुख, आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से स्थापित तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ, जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर द्वारा एक अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। निबंध प्रतियोगिता का विषय है - "भगवान महावीर की जन्मस्थली कुण्डलपुर (नालंदा) या वैशाली? - दिगम्बर जैन आगम के परिप्रेक्ष्य में"। निबंध प्रतियोगिता के नियम निम्नानुसार रहेंगे - 1. प्रतियोगिता समस्त आयु वर्ग के बालक/बालिका अथवा महिला/पुरुष के लिये खुली है। जैन या
जैनेतर कोई भी सम्मिलित हो सकते हैं? 2. निबंध कम से कम 4 पेज (फुल स्केप कागज के) में होना चाहिये। 3. निबंध टंकित अथवा सुवाच्य अक्षरों में पृष्ठ के एक ओर ही लिखा हुआ होना आवश्यक है। 4. प्रस्तुत विषय पर अपना पक्ष ठोस आधार पर पुष्ट प्रमाणों सहित प्रतिपादित करने का प्रयास
करें। समस्त सन्दर्भ लेख के अन्त में देखें। 5. निबंध भेजने की अंतिम तिथि 30 जून 2002 निश्चित की गई है। निर्धारित तिथि के पश्चात्
प्राप्त होने वाले निबंध प्रतियोगिता में सम्मिलित करना संभव नहीं होगा। 6. प्राप्त निबंधों का मूल्यांकन प्रतिष्ठित विद्वानों के दल द्वारा किया जाकर प्रथम, द्वितीय व तृतीय
पुरस्कार स्थान प्राप्त करने वाले प्रतियोगीगणों को क्रमश: रु. 5000/-, 3000/- व 2000/
नगद पुरस्कार दिया जायेगा। सांत्वना पुरस्कारों की भी व्यवस्था है। 7. महासंघ द्वारा गठित निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा। 8. प्रतियोगिता के विषय के नियमों को संशोधित/परिवर्तित/परिवर्द्धित करने अथवा स्थगित करने एवं
अन्य समस्त विषयों में महासंघ के अध्यक्ष का निर्णय अंतिम एवं बंधनकारी होगा। 9. निबंध के मुखपृष्ठ पर प्रतियोगी का पूरा नाम एवं पता अंकित किया जाना चाहिये। निबंध संयोजक के पते पर इन्दौर ही भेजे जाना चाहिये।
- संयोजकद्वय जयसेन जैन
डॉ. अभयप्रकाश जैन 201, अमित अपार्टमेन्ट,
एन-14, चेतकपुरी, 1/1, पारसी मोहल्ला, छावनी,
ग्वालियर - 474009 (म.प्र.) इन्दौर - 452001 (म.प्र.)
फोन : 0751- 324392 फोन : 0731-700020
श्री डालचन्दजी जैन की धर्मपत्नी का दु:खद निधन
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के अनन्य सहयोगी, पूर्व सांसद एवं म. प्र. कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष श्री डालचन्दजी जैन, सागर की धर्मपत्नी श्रीमती सुधारानी जैन, सागर का आकस्मिक निधन 22 जनवरी 2002 को इन्दौर में हृदयाघात से हो गया।
29 जून 1932 को जबलपुर में जन्मीं श्रीमती जैन अनेक धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं की अध्यक्ष एवं सरंक्षक थीं। इंग्लैण्ड, अमेरिका, कनाडा,
जर्मनी, हांगकांग, सिंगापुर, कुवैत, काहिरा, दुबई आदि अनेक देशों की यात्रायें कर चुकीं श्रीमती जैन अपने पीछे 2 पुत्र एवं 6 पुत्रियों का भरापूरा परिवार छोड़ गईं।
ज्ञानपीठ परिवार की दिवंगत आत्मा के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि।
92
अर्हत् वचन, 14(1), 2002
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org