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३. अपने मूल स्थान बिन्दु से तंत्रिका - संगमों के अनुभाग निष्क्रिय रूप से फैलते हैं, ऐसे जटिल रूप से आयाम ( amplitude) में कमी (decaying) करते चलते हैं जो तंत्रिका - निषेक के ठीक माप, आकार और भौतिक संरचना पर निर्भर करती है।
मान लें आप किसी ऐसे स्थान पर तंत्रिका निषेक पर बैठे हैं जहाँ उसका जावक तंत्रिका तन्तु का उद्गम स्थल होता है। इस स्थान को जावक तंत्रिका तन्तुओं (axon) की चूलिका (hillock) कहते हैं। आपको तंत्रिका संगम संकेत अन्य तंत्रिका निषेकों से हजारों जावक तंत्रिका तन्तु के द्वारा प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक किसी न किसी मात्रा में अनुभाग (potential) में "वृद्धि" या "हानि" का अंशदान करता है। इस चूलिका पर बैठे हुए आपको परिवर्तनों के समग्र को देखना है। यह साधारण योग नहीं होता है। कुछ तंत्रिका संगमों द्वारा बहुत भारी अंशदान होता है, क्योंकि या तो वे बड़े संकेत देते हैं, अथवा क्योंकि वे पास में स्थित होते हैं। अन्य द्वारा अंशदान थोड़ा हो सकता है क्योंकि वे महीनतम (thinnest ) आवक - तंत्रिका तन्तु (axon ) चूलिका पर संकलित अनुभाग किसी सीमांत (threshold) के पार हो जाता है तो जावक तंत्रिका तन्तु (axon) द्वारा कीलों (spikes) का विस्फोटन उत्पन्न होता है जो अगले तंत्रिका संगम तक अनुगमन करता हैं।
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यहाँ एक संकलक विस्तारक (summing amplifier) है जो किन्हीं निर्दिष्ट नियमों के अनुसार आने वाले संकेतों का योग निकालता है। तंत्रिका - निषेक (nuron) तंत्रिका - परिपथ का मात्र अवयव (element) नहीं है, वरन् एक उच्च स्तरीय सूक्ष्म साधन ( device) है जो विशेष मात्रा में सूचना संसाधित (process) करने में सक्षम है। इस साधन के निर्गत ( output) लक्षणों का नियंत्रण अत्यंत जटिल चर अवयवों की राशि द्वारा होता है। इन लक्षणों में कोई भी अधिक समय तक रहने वाला परिवर्तन द्वारा स्मृति का अनुभागीय यंत्रीकरण (potential mechanism) संरचित होता है।
अर्हत् वचन, 14 (1), 2002
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अभी तक तंत्रिकाओं संबन्धी प्राचलों (neuronal parameters) पर पड़ने वाला अनुभव का प्रभाव बहुत थोड़े अंशों में ज्ञात हो सका है। कुछ सिद्धान्त तंत्रिका संगम की कारगरता ( प्रभावकता ) में होने वाले परिवर्तन का कारण सीखना ( learning) मानते हैं। इसका अर्थ यह है कि विद्यमान तंत्रिका संगमों (synapses) का मजबूत या निर्बल होना, मजबूत बनना, अथवा नये संगमों का बनना हो सकता है। इसके समान परिणाम का कारण आपका तंत्रिका तन्तु ( dendrite ) तल पर तंत्रिका संगमों का पुनर्वितरण, उत्पत्ति या शाखा ऊगने में या झिल्ली का रासायनिक रूपान्तरण हो सकता है। वस्तुतः तंत्रिका निषेक का तंत्रिका - संगमी शरीर क्रिया विज्ञान सीखने की प्रक्रिया और स्मृति पर गहन प्रकाश डाल सकें।
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लघु अवधि स्मृति : कुछ पलों में ही हम सीख या याद कर सकते हैं। जो स्मृति शीघ्र खो जाती है, वह लघु स्मृति होती है जो जानवरों में पाई जाती है। वे तत्व (agents) जो स्मृति में कमी ( amnesia) ला देते हैं, वे तंत्रिका निषेकों की सक्रियता को प्रभावित कर देते हैं। विद्युत आघात से भी स्मृति चली जाती है कुछ समय के लिये। लघु अवधि स्मृति को दीर्घ अवधि स्मृति में बदलने को "दृढ़ीकरण" (consolidation) कहते हैं। सिर पर चोट लगने से, अतिकम तापमान और बेहोश करने वाली औषधियाँ (barbiturates) भी विद्युत आघात की भांति लघु अवधि स्मृति को दृढ़ीकृत होने से रोकती हैं। अत: लघु अवधि स्मृति विद्युतीय हो सकती हैं और उनके दृढ़ीकरण में समय लग सकता है ताकि रासायनिक संश्लेषण या उत्पाद तंत्रिका निषेक में हो सके।
लघु अवधि स्मृति का एक दोष स्थिरीकरण स्मृति हानि (fixation amnesia) है। मस्तिष्क के कुछ भागों (mamillary body और hippocampus ) के तंत्रिका - निषेकों के
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