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________________ सारणी - समबहुभुजों का क्षेत्रफल (a = भुजा या व्यास) n का मान n=3 n = 4 n=5 n 36 सूत्र 5a2 सामान्य बहुभुज क्षेत्रफल A= वक्रीय समभुज क्षेत्रफल B= B/A = a2/2 a/8 a14 5a13 13a2/24 13/40 at सूत्र (10) से सूत्र (20) से सूत्र (21) से 1/4 1/4 ___2/5 टिप्पणि - B/A का मान महावीर ने 1/4 और नारायण ने 1/3 लिया। जानकारी के लिये क्षेत्रफल के आधुनिक गणित से निकाले गये सूत्र इस प्रकार (26) A = (n/4).a'.cot(ru/n) ............ ........ (25) B = A - na(n-2)/8 ........... यहाँ नारायण के सूत्र (12) के विषय में एक अन्य प्रश्न भी उठ सकता है। हमने सूत्र (16) को कोण (angle) के माप संबंधी ज्ञान से निकाला है जो कि शायद उस समय उपयोग में नहीं लाया गया हो। एक प्राचीन विधि से भी नारायण का काम चल सकता था। सम्मिलित चित्र 3 n = 4 तथा 6 के लिये चित्रों से (चित्र 3 देखिये) सीधे K का मान क्रमश: - गा तथा 2xr [सूत्र (19) देखिये] सरलता से प्राप्त किया जा सकता है। औसत (average) लेने से n = 5 के लिये K का मान हुआ K = (3/2)zrr = 9a/8 (27) जिससे B = (5a2/3) - (9a218) = 13a2/24 ...... इसके फलस्वरूप (24) अर्थात् (12) मिल जाता है। इस सन्दर्भ में गणित प्रेमियों को रुचिपूर्ण सूत्र (19) की खोज आनन्ददायक होगी; क्योंकि ध्यान देने से हमें मालूम हो जायेगा कि K के मान एक समानान्तर श्रेणी (A.P.) में हैं जिसमें वृद्धि की दर गP/2 है! ___ जहाँ तक महावीर के मूल सूत्र (6) की उपपत्ति की बात है उसे मोटे रूप (28) 64 अर्हत् वचन, 14 (1), 2002 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.526553
Book TitleArhat Vachan 2002 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2002
Total Pages108
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size7 MB
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