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________________ से प्रदेशों की क्रमिक वृद्धि द्वारा वर्गणाओं की उत्पत्ति होती है। आधुनिक विज्ञान की दृष्टि में तत्त्व (Matter) के सूक्ष्मतम अविभाजीय कण को अणु तथा पदार्थ के सूक्ष्मतम अविभाजीय कण को परमाणु कहा गया है, जो अपने मूल x उदजन अणु गतिशीन अणु । चित्र संख्या 1 पदार्थ से सम्पूर्ण गुण - साम्य रखता है। हालांकि आज का विदित अणु (चित्र - 1) भी इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रान, न्यूट्रिनो, फोटॉन, अल्फा - बीटा - गामा किरणों में बंटकर बिखर सकता है और परमाणु टूटकर अणुओं में बंट जाता है यथा (चित्र - 2)। पानी का परमाणु तीन र ज्वलन क्रिया ___ ओजन अणु जल परमाणु २ उपजन अणु ज्वलन किया दारा उरजन से जन प्राप्ति भाप के रूप में ओषजन उजर चित्र क्रमांक 2 अणुओं से मिलकर, जिनमें 2 अणु उदजन और 1 अणु ओषजन के हैं, रासायनिक संयोग से बना है। भौतिक संयोग इसका निर्माण नहीं करा सकता। 1 अणु ओषजन अथवा 2 अणु उदजन भी जबकि वातावरण में स्वयमेव पारस्परिक पहचान द्वारा रासायनिक संयोग स्थापित कर अपना - अपना वायु परमाणु बना लेते हैं (चित्र - 3) और अलग - अलग स्वतंत्र अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000 31
SR No.526548
Book TitleArhat Vachan 2000 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size6 MB
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