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________________ होता है। आचार्य उमास्वामी द्वारा रचित 'णमोकार मंत्र माहात्म्य' महामंत्र के अपूर्व माहात्म्य को दर्शाता है। इस लेख में 14 कथाओं द्वारा महामंत्र का अप्रतिम अतिशय सिद्ध होता है। दूषित नवग्रहों की शान्ति इसी महामंत्र से होती है। इस मंत्र के अविनय करने का फल भी कथांश के उद्धरण से दर्शाया गया है। सन्दर्भ वरदराजाचार्य मध्यसिद्धान्तकौमुदी: उनादिप्रकरण, पृ. 445 2. संस्कृत नित्य पूजन, पृ. 17 3. - मंगल मंत्र णमोकार एक चिंतन, पू. 63 4. अर्चना संग्रह, पृ. 11 5. मंगल मंत्र णमोकार एक अनुचिंतन, पृ. 12 6. धर्मध्यानदीपकः णमोकार मंत्रमाहात्म्य श्लो. 29, पृ. 7 7. अर्चना संग्रह, पृ. 24 8. विमल भक्ति संग्रह, पृ. 34-35 9. णमोकार मंत्र की महिमा, पृ. 4 नवग्रहशान्ति स्तोत्र, पद्य 8 11. जयसेनाचार्य जयसेन प्रतिष्ठापाठ, श्लो. 376 12. जयसेन प्रतिष्ठापाठ, श्लो. 377 13. वृहद् द्रव्य संग्रह, गाथा 49, ब्रह्मदेव संस्कृत टीका अन्तर्गत 14. दि. जैन पूजन संग्रह, पू. 106 15. मंगल मंत्र णमोकार : एक अनुचिंतन, पृ. 78 16. मंगल मंत्र णमोकार एक अनुचिंतन, पृ. 21 द्वि सं. प्रस्तावना 2 - 17. तथैव पृ. 22 18. तथैव 19. क्षत्रचूडामणि 20. पार्श्वनाथचरित 21. आराधना कथा कोष श्रेणिकचरित्र 22. 23. डा. पन्नालाल रत्नकरण्ड श्रावकाचार 24. मोक्ष मार्ग की सच्ची कहानियां 25. सीता चरित्र 26. सुलोचना चारित्र 27. मंगल मंत्र णमोकार : एक अनुचिंतन 38 28. डा. पन्नालाल रत्नकरण्ड श्रावकाचार : 29. मंगल मंत्र णमोकार : एक अनुचिंतन 30. आराधना कथा कोष 31. मंगल मंत्र णमोकार एक अनुचिंतन प्राप्त 22.12.95 - अर्हत् वचन, जनवरी 2000
SR No.526545
Book TitleArhat Vachan 2000 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size24 MB
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