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कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ जैन धर्म से सम्बद्ध ग्रन्थों, शोधपत्रों और उपयोगी सामग्री से परिपूर्ण हैं। इस दृष्टि से अध्यात्म, धर्म, दर्शन एवं अन्य विद्याओं के अध्ययन के लिये अत्यन्त उपयुक्त स्थान है। ग्रंथालय में अद्यतन एवं दुर्लभ ग्रन्थ उपलब्ध है, कम्प्यूटर की सुविधा होने से शोधार्थियों के लिये इस संस्थान की उपादेयता स्वंयसिद्ध है। समर्पित पदाधिकारियों द्वारा दी गई सेवाएं प्रशंसनीय हैं। शुभकामनाओं सहित।
प्रो. प्रहलाद तिवारी
अध्यक्ष - गणित विभाग 26.2.99
होल्कर विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर
डा. अनुपमजी के साथ लायब्रेरी एवम् उसकी उपयोगिता से संबंधित उपयोगी जानकारी हासिल की। स्वाध्यायी व्यक्ति के लिए यह बहमूल्य संपदा है।
- सुधीर जैन
स्वस्तिक सिरोमिक्स 14.3.99
27, औद्योगिक क्षेत्र, कटनी-483501
आज मैंने कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की व्यवस्थाओं को देखा और समझा। लगा कि कोई संस्था में अकादमिक पद्धति से कार्य हो रहा है। अभी पुस्तकालय विकास की ओर बढ़ रहा है किन्तु दर्शन विभाग के ग्रंथ बहुत कम हैं, कृपया इनकी सूची बढ़ाकर ग्रंथों का संचय किया जाय। 22.3.99
- ऐलक सिद्धांतसागर
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कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुस्तकालय आने का विचार एक लम्बे समय से चल रहा था। आज आने का अवसर प्राप्त हुआ। युवा, उदीयमान, कर्मठ विद्वान डॉ. अनुमपजी ने संस्था का अवलोकन कराया एवं गतिविधियों का परिचय प्राप्तकर प्रसन्नता हुई। आज के समय में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ का कार्य गौरवपूर्ण है। सार्थक प्रयास के लिए धन्यवाद।
- ब्र. संदीप 'सरल'
अनेकान्त ज्ञान मंदिर 28.3.99
अनेकान्त नगर, बीना (सागर) 470 113
Visited your organisation. It is doing good work. Highly qualified person like Dr. AnupamJain, ifgiven opportunity to workon प्रकाशित/अप्रकाशित Digambara text, will be a work for future. Mr. Jain should be freed from day-to-day managerial & administrative work by absorving other people, if financial condition allows. Mr. Jain's intellect, if utilised properly, can create a revolutionary work.
Randhir Ghoshal
BE-329, Salt Lake City, 9.4.99
Calcutta-64
अर्हत् वचन, अप्रैल 99