________________
ज्ञानपीठ के प्रांगण से
आहेत काका
मत- अभिमत
पुस्तकालय एवं गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर जैन विद्या के
विकास में निरन्तर गतिशील होने की संभावनाओं को आप निश्चित ही तलाश कर रहे हैं। अपेक्षा एवं आशा है कि संस्थान निश्चित लक्ष्य की ओर अग्रसर हो अन्य संस्थाओं को दीप स्तंभ बन सके। यशेष्ट शुभभावनाओं के साथ।
- ब्र. राकेश जैन
उदासीन आश्रम 26.1.99
कुण्डलपुर-470002
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा संचालित पुस्तकालय एवं संचालित सूचीकरण परियोजना पर आधारित कार्यक्रम अत्यंत प्रशंसनीय लगा। जैन समाज के इतिहास में निश्चित ही ये कार्य मील का पत्थर साबित होंगे। संस्थान के सचिव भाई डा. अनुपम जैन को उनके इस अभिनव प्रयास हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
- डा. सविता जैन
66, लक्ष्मीनगर, 10.2.99
उज्जैन फोन : 515395
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुस्तकालय जैन शोधार्थी, जिज्ञासु तथा धर्म विज्ञान इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए एक विशेष स्थान हो गया है। आज मैंने यह महसूस किया कि यह भारत एवम् विदेशों में स्थित जैन विद्वानों के लिए तीर्थ क्षेत्र का स्थान ग्रहण करते जा रहा है। डॉ. अनुपमजी द्वारा किये जा रहे प्रयास विशेष रूप से प्रशंसनीय है। 11.2.99
- डॉ. आर. आर. नांदगांवकर निदेक - गणिनी ज्ञानमती शोधपीठ, जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर,
1472, न्युनंदनवन लेआऊट 11.2.99
नागपुर-440009
-
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ वास्तव में एक ऐसा संस्थान है, जहाँ जैन धर्म पर शोध कार्य हेत बहमल्य अध्ययन सामग्री उपलब्ध है। समाज के विभिन्न वर्गों को यहाँ अध्ययन की सम्पूर्ण सुविधाएं हैं।
यहाँ का पुस्तकालय अपने अति उत्तम आकार में है जहाँ सम्पूर्ण पठनीय सामग्री बहुत ही अच्छी तरह उपलब्ध एवं संरक्षित है। पुस्तकालय अत्यंत प्रभावित करता है। इस हेत सभी को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं।
- डा. नरेन्द्र जोशी
सहा. प्राध्यापक - भू-विज्ञान, 11.2.99
होल्कर विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर (म.प्र.)
I have been much impressed by the work of this Institution.
Parichand Ghoshal
BE-329, Salf Lake City 26.2.99
Calcutta-700064
अर्हत् वचन, अप्रैल 99
81