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________________ 16. करेज एमीर (वर्तमान रूस) - .. . अफगानिस्तान में यह क्षेत्र पड़ता है। यहां एक खंडित चौबीसी प्राप्त हुई है जिस का वर्णन "जैन कला एवं स्थापत्य - खण्ड 1' ग्रंथ में प्राप्त होता है। . 17. दिल्ली यह क्षेत्र पुरातत्व से भरा पड़ा है। महरौली में कुव्वते इस्लाम मस्जिद के खम्बे जैन प्रतिमाओं व चिन्हों से भरे पड़े हैं। मस्जिद की गुम्बों की छतों पर तीर्थकरों के जन्म कल्याणक की प्रतिमाएँ खुदी हैं। पास में प्राचीनता की दृष्टि से खरतरगच्छ के प्रभावक मणिधारी दादा श्री जिनचन्द सूरिश्वर की दादावाड़ी भी है। पूज्य जिनकुशल सूरिजी की दादावाड़ी अब पाकिस्तान (सिंध) में है। दिगम्बर परम्परा के अनेक मन्दिर एवं अवशेष दिल्ली में उपलब्ध हैं। 18. कल्याण - यह गांव पटियाला से नाभा जाने वाली सड़क पर 5 कि.मी. पर है। यहां इन पंक्तियों के लेखक व पुरातत्व विभाग के कर्मचारी श्री योगीराज शर्मा को कुछ खण्डित प्रतिमाएं मिली, जिन्हें गांव के बाहर दरवाजे पर लोग सिंदर डालकर भैरों मानकर पूजते थे। कोई प्रतिमा सही सलामत नहीं थी। इन छकड़ों को विभाग में लाकर साफ किया गया, यह प्रतिमा श्वेताम्बर सम्प्रदाय की हैं। ये अधिकतर भगवान पार्श्वनाथ व भगवान ऋषभदेव की हैं। इनके चिन्ह भी प्रतिमाओं पर अंकित हैं। . 19. झज्जर - हरियाणा के गांव झज्जर से भी एक खण्डित तीर्थंकर की प्रतिमा मिली है। 20. खिजराबाद - यह गांव रोपड़ जिले में पड़ता है। यहां ब्राह्मी लिपि में अंकित एक जैन तीर्थंकर की प्रतिमा निकली थी, जिसे पुरातत्व विभाग ने भगवान महावीर की प्रतिमा माना है। इसका समय 8-9 सदी है। 21. ढोलवाहा - यह गांव जिला होशियारपुर से 37 मील दूर है। इसका संबंध जैन व हिन्दू- दोनों धर्मों से रहा है। यहां 8 वीं सदी की एक चतुर्मुखी प्रतिमा निकली है, जो आजकल साधु- आश्रम होशियारपुर के म्यूजियम में है। 22. सुनाम - यह एक प्राचीन नगर है, जिसका सीता माता से सम्बन्ध जोड़ा जाता है। यहां एक संन्यासी श्री भगवन्त नाथ के डेरे में 7-8वीं सदी की भगवान पार्श्वनाथ की काले रंग की खण्डित प्रतिमा थी, जिसे लेखकों ने स्वयं देखा था। पर कुछ दिनों बाद मंदिर का पुजारी इस प्रतिमा को लेकर भाग गया। उस डेरे में खण्डित प्रतिमा की जगह एक भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा आज भी स्थापित है। उसका समय व स्थापनकर्ता का पता नहीं। अभी कुछ दिन पहले सुनाम के पास लोहाखेड़ा गांव में अनेकों खण्डित प्रतिमाएं निकली। जिनका वर्णन दैनिक पंजाबी ट्रिब्यून में आया। पर अब यह प्रतिमा कहां है पता नहीं चला। इसी प्रकार फरीदकोट से एक सर्वतोभद्रिका प्रतिमा निकलने का समाचार तो आया था। अब वह राजकीय म्यूजियम पटियाला में है। 23. भटिण्डा - पंजाब के प्रसिद्ध शहर और सबसे बड़े रेलवे जंक्शन भटिण्डा में एक सज्जन श्री हंसराज वांगला के खेत से तीन परिकर युक्त प्रतिमा, एक जिनकल्पी मुनि की प्रतिमा अर्हत् वचन, अप्रैल 99
SR No.526542
Book TitleArhat Vachan 1999 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year1999
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size23 MB
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