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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 18 दिसम्बर-२०१९ शब्दकोष १. कृपाळु, २. भाग्यवाळा, ३.प्रसिद्ध, ४.?, ५. भाग्यशाळी, ६. वरस्यो, ७. कहरसूकी जमीन पर (?), ८.चंद्र, ९. दरिद्रता, १०. जाणवं, ११. कर्ण जेवो, १२. (पराक्रममां) हेमु जेवो (?), १३. मक्षी, १४. हवासी=गुणचर्चा, १५. अणनम, १६. जे कोइ, १७. पगे, १८. खुश थर्बु (?), १९. आपे, समर्पित करे, २०. परवानो (?), २१. शाख=आबरु, २२. केवो, २३. जेवो, २४. शीलरूपी बक्खतरवाळो, २५. भण्या, २६. मनोहर, २७. सहु कोई बधा, २८. शेषनाग (?), २९. किरण, ३०. त्यां (?), ३१. आवास-घर, ३२. शोभे, ३३. विरुद्ध अर्थात् जूठनो त्याग करे छे ?, ३४. कर कमलमां, ३५. शरीररूपे, ३६. नयन आंख, ३७. दांत, ३८. हृदयनी, ३९. स्वच्छ, ४०. बन्ने, ४१. अरीसो, ४२. कोईनी साथे, ४३. चारेबाजुथी (?), ४४. माराथी, ४५. मळतावळो (?), ४६. लथडताना, ४७. सयन-स्वजन, ४८. नरमुख-मनुष्यमां मुख्य (?), ४९. खूब प्रचूर(?), ५०. बेचेनी, ५१. वयण-वचन, ५२. पीडा, ५३. झडपथी उतावळे, ५४. ज्वर सहितनो-ताववाळो, ५५. प्रहर, ५६.संपूर्णपणे बधो (?), ५७. अंतःपुरनो रक्षक, ५८. सत्यासत्यनी तपास, मोभो(?), ५९. तेमणे, ६०. आनंद पाम्यो, ६१. अकिंचन, ६२. धान्यादिकने हानि पहोंचाडनार उंदरादिकनो उपद्रव, ६३. आनंद?, ६४. ?, ६५. सोहाय, शोभे, स्वभाव?, ६६.?, ६७. खाटq-फायदो मेळववो, ६८. जमादार?, ६९. यथाशक्ति?, ७०, गरिष्ठ, ७१. स्वेच्छाथी?, ७२. हाथीनो साज, ७३. ?, ७४. एक प्रकार- वाद्य, ७५. ?, ७६. पाटियां के वांसनु आच्छादन, ७७. ?, ७८. धजा?, ७९. पाथरपुं, ८०. खास एक जातनु कापड, ८१. आकाशनी नीचे, ८२. वस्त्र विशेषतुं नाम, ८३. सोपारी, ८४. साफ करी, ८५.?, ८६. सजाववो, ८७. वस्त्र विशेष, ८८. चंदरवा, ८९. श्रीपूज्य, ९०. हाथ, ९१. गाम नाम, ९२.?, ९३. गुंच, ९४. जग्याए, ९५. स्थाने, ९६. ताबे, ९७. बंधनथी, ९८. आजे पण, ९९. चीवट, १००. पासे, १०१. खेर-विखेर- वेरण छेरण ?, १०२. उग्यो, १०३. आर्चयचकित, १०४. सुखड, १०५. बीक वगरनो, १०६. हिम्मत, १०७. जाय, १०८. खरेखर, १०९. चातुर्मास, ११०. भगवतीसूत्र, १११. वंचावी, ११२. प्राप्ति(?), ११३. भातु, ११४. एक साथे, ११५. कर्म- कार्य, ११६. पूर्णिमा, ११७. दुंदुभीनो नाद, ११८. वागवू, ११९. नाचता, १२०. अखंड(?), १२१. मोटी संख्यामां?, १२२. श्रावक, १२३. एक वनस्पतिनुं लाकडु, पालखी, सिबिका(?), १२४. चितारूपी घर, १२५. सलामती पूर्वक, १२६. लहेर(?), १२७. रणशिगुं, १२८. तोप, १२९. “कुहु कुहु” अवाज(?), १३०. कांसीजोडा प्रकारचं एक वाद्य, १३१. उलाळतो, १३२. मुट्ठी, १३३. उछाळतो, १३४. नृत्य समयनु?, १३५. खलके-रणके, १३६. दुनिया, १३७. महोत्सव, १३८. बोले छे, १३९. पालखी?, १४०. चणावी, बनावी ?, १४१. प्रहर(?), १४२. अग्निदाह, १४३, रस्ते, १४४. ?, १४५. चलावी, १४६.?, १४७. अणी(?), १४८. मत्त थाय, १४९. नडे, १५०. बोले, १५१. दोष माटे, १५२. पीडा?, १५३. चोरे?, १५४. वीणी-वीणी?, १५५. फरी. For Private and Personal Use Only
SR No.525353
Book TitleShrutsagar 2019 12 Volume 06 Issue 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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