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SHRUTSAGAR
May-2019 श्रुतसेवा के क्षेत्र में आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर
का योगदान
राहुल आर. त्रिवेदी (गतांक से आगे) पुस्तक संरक्षण
ज्ञानमंदिर के भूतल कक्ष में विद्वानों तथा पाठकों के लिए अध्ययन की सुंदर व्यवस्था की गई है। यहाँ कुल मिलाकर लगभग १५,००० मुद्रित प्रतों एवं २,५०,००० से अधिक प्रकाशित ग्रन्थों का संग्रह है। ग्रंथालय में भारतीय संस्कृति, सभ्यता, धर्म एवं दर्शन के अतिरिक्त विशेष रूप से जैनधर्म से संबंधित सूचनाओं को इतना अधिक समृद्ध किया जा रहा है कि कोई भी जिज्ञासु वाचक यहाँ आकर अपनी जिज्ञासा पूर्ण कर सके।
जैनधर्म के विविध गच्छों, समुदायों के साधु-साध्वी, गृहस्थ एवं अपने-अपने क्षेत्र के विद्वान विविध प्रश्न लेकर यहाँ आते हैं और पूर्ण संतुष्टि का अनुभव करते हैं। कुछ वाचकों का कहना है कि “जो पुस्तकें या हस्तप्रत हमें कहीं नहीं मिलती वह यहाँ आसानी से और तुरन्त मिल जाती हैं। ये पुस्तकें विविध प्रकाशकों व विक्रेताओं से खरीदी जाती हैं तथा विविध दाताओं व ज्ञानभंडारों की ओर से भेंटस्वरूप भी प्राप्त की जाती हैं। इन पुस्तकों का संरक्षण व उनमें निहित सूक्ष्मतम सूचनाओं का संग्रह किया जाता है। शहरशाखा, अहमदाबाद
अहमदाबाद शहर के वाचकों तथा शहर के विविध स्थानों में चातुर्मासार्थ विराजमान प.पू. साधु-साध्वीजी भगवन्तों के अध्ययन-संशोधन के कार्य में उपयोगी हो सके, इस हेतु से पालडी विस्तार में शहरशाखा की स्थापना की गई है, जहाँ से उन्हें पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अतिरिक्त कोबा में संरक्षित पुस्तकें भी उन्हें उनके स्थान पर उपलब्ध कराई जाती हैं। विशिष्ट वाचकसेवा ___ ज्ञानमंदिर में वाचकों के हित को ध्यान में रखकर कार्य किया जाता है । जिज्ञासुओं को कम से कम समय में अधिक से अधिक जानकारी दी जा सके, उसका निरंतर प्रयास किया जाता है। श्रुतोद्धार हेतु साधु-साध्वी एवं विद्वानों को अप्रकाशित कृति