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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 14 श्रुतसागर चवन जिम उतपात ए, गति आगति कहो हिवई वात ए, पुढवि पाणी वणकाय ए, मणुय तिरियगतिइ य जाइ (य) ए प्राण दस समोहिया ए, असमोहिया भुवनपतिया ए, (?) थावर पुढवीकाय ए, तिंहा तिन्नि सरीर अपाय ए उरालिय तेजस कम (म्म) णा ए, अंगुल भाग असंख अवगाहना ए, जहन्न उक्कोस ए माण ए, अधिको नवि देह - प्रमाण ए Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir छेवट्ठो एक असार ए, मसूरनो हवई आकार ए, सन्ना आहार भय मेहुणी ए, परिग्रह हुइ चउथी जिणि भणी ए कृष्ण नील कापोत ए, तेजो लेस्या नवि उद्योत ए, समुदघात तिनि जातीया ए, वेयणा कसाय मारणांतिया ए इंद्रिय एक शरीर ए, असन्नीय वेद कलीब ए२२, पर्यापति आहार ए, तनु इंद्रि ऊसास प्रकार ए मिच्छादिट्ठी ते सदा ए, अचक्खु दंसण संपदा ए, मति श्रुति दुन्नि अन्नाण ए, काय जोग हुई एकाहिन्नाण ए एह तिन्नि उवओग ए, उरालि मीस तेऊ जोग ए, छह दिसि ल्यइं आहार ए, उपजवो नरक परिहार ए वरस सहस्र बावीस ए, उक्कोसुं आयु जगीस ए, अंतरमुहूर्त काल ए, थोडुं तो अंति सुकमाल ए समोहिया असमोहिया ए, जाई मणुअ तिरियगति मोहिया ए, दस दंडक मांहिं गति करइ ए, देव नारक मांहिं न अवतरई ए थावर पंच विगलिंदिया ए, तीय मणुअ तिरि पंचिंदियाए, ए दस दंडक गति कही ए, पुढवी पाणीय वणसई तिम सही ए इंद्रिय एक बल काय ए, फासिंदी सासोसास आय ए, प्राण-संख्या पुढवी काईया ए, तिम च्यारि सरिखा एगिंदिया ए विण नारक त्रेवीस ए, दंडक आवइ निसि दीस ए, उरलि मिश्र तिनि जोग ए, कारमण थोडो भोग ए For Private and Personal Use Only अगस्त २०१८ ॥५३॥ 114811 114411 ॥५६॥ 114011 114211 114811 ॥६०॥ ॥६१॥ ॥६२॥ ॥६३॥ ॥६४॥ ॥६५॥
SR No.525337
Book TitleShrutsagar 2018 08 Volume 05 Issue 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2018
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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