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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुवाणी आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी सद्वांचन अने सद्गुरु तीर्थ यात्राळुओ जो वाचननो गुण धारण करशे तो तीर्थना स्थाने निरूपाधिदशा होवाथी धणुं ज्ञान मेळवी शकशे अने तेओ तीर्थनी यात्रानी खरी साधना करवाने परिपूर्ण लायक पण थई शकशे. जेओए जैन तत्त्वनुं सारी रीते ज्ञान कर्तुं छे. तेवा श्रावको अने श्राविकओने ज खरा जैनो तरीके मानीए छीए, बाकी बीजाओने तो श्रद्धा आदि जे जे गुणो जे जे अंशे रहेला छे, ते ते अपेक्षाए जैनो तरीके मानीए छीए. मनुष्यनी जिंदगी धारण करी नकामी तो न ज गुमाववी जोईए. अध्यात्मज्ञान, योगज्ञान आदि उच्च ज्ञानना पुस्तकोनुं वाचन अवश्य दररोज करवुं जोईए. सद्गुरु समान आ जगतमां कोइ उपकारी नथी. आ जगतमां श्री सद्गुरु थकी ज तरवानुं छे. जेओए अज्ञानथी मिंचाएली आंखो उघाडीने शिष्योने देखता कर्या एवा श्री सद्गुरु तीर्थ ज छे. तेओ ज्यां ज्यां विहार करतां होय त्यां जई, तेओश्रीनो उपदेश सांभळवो. तेओ श्री जे जे आज्ञाओ करे ते ते आज्ञाओने मस्तके चढाववी अने ते प्रमाणे वर्तवुं. जैन धर्मना प्रवर्तावनार तो गुरुमहाराज छे. जेणे सम्यक्त्वनुं दान कर्तुं एवा गुरुओनो कोई पण रीते करोडो उपायो करे छते अने कोडी वर्ष गये छते पण बदलो वाळी शकातो नथी. द्रव्य उपकार करनाराओ तो जगतमां घणा मळी शके पण भाव उपकार करनार तो अल्प मळी शके छे. प्राण पडे तो पण गुरुनी आज्ञा लोपवी नही. गुरु शी वस्तु छे तेनी समजण ज्ञानीओने पडे छे. अज्ञानीओ के जे जगतमां मारापणानी बुद्धिथी स्वार्थी बनी स्वार्थनो ज अभ्यास करे छे, तेओने गुरुनी गुरुतानो ख्याल आवी शकतो नथी. समकित दाता गुरु भक्ति करवामां अत्यंत प्रेम धारण करवो, तेओनो भक्ति अने बहुमानथी धणो विनय करवो अने तेओने त्रण काळ वंदन करवुं. अज्ञानीओ जे आवे तेने एक सरखा वस्त्रधारी मानी गुरु मान्या करे छे, पण तेओनी अल्प बुद्धि होवाथी तेओ बराबर गुरुनी परीक्षा करी शकता नथी. गुरुओए पण योग्य जाणी तेओने धर्मोपदेश देवो जोईए. तप, जप, दान, क्रियाकांड, तीर्थ विगेरे पण गुरुनी आज्ञा पाळ्या विना सफळ थतां नथी, माटे श्री सद्गुरुनी आज्ञा पाळीने तीर्थयात्रा करवी जोईए. For Private and Personal Use Only
SR No.525302
Book TitleShrutsagar 2015 09 Volume 01 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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