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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बे अप्रगट लघुकृति हिरेन के. दोशी मध्यकालीन साहित्यना आकाशमां लघुकृतिओ तारा जेवी टमटमे छे. तारानी संख्यानी जेम आ साहित्यमां मळती लघुकृतिओनी संख्या पण ध्यान खेंचे एवी छे. आ प्रकारनी लघुकृतिओनी रचना थती होय छे त्यारे खास करीने रचना समयना आसपासना वातावरणना भाव पण एमां बंधायेला होय छे, अने एटले ज रचनाकारे अनुभवेलुं भावसौंदर्य आपणने साचा अर्थमां भावक बनावे छे. साचा अर्थमां भावक बनावी आपती आवी जबे लघुकृतिओ अले प्रकाशित करी छे. अत्रे प्रकाशित पैकीनी प्रथम कृति विजयप्रभसूरि स्वाध्याय छे. अने द्वितीय कृति विजयाणंदसूरि स्वाध्याय छे. प्रथम क्रमांके प्रसिद्ध करायेल कृतिना वर्णनने जोता विजयप्रभसूरि स्वाध्यायना बदले विजयप्रभसूरि गंहुली कृतिनुं आq नाम कृतिनी वधारे समीप होय एवू लागे छे. कृतिमां कुल नव कडी छे. प्रस्तुत कृतिना अंते मळता 'श्रीनयविजयबुधरायनो, सीस... आ उल्लेखथी रचनाकार महामहोपाध्याय श्री यशोविजयजी म. सा. संभवाना थाय छे. कृतिनी रचनाशैली अने भावभंगिमांने माणता आ रचना पू. महोपाध्ययजी म. सा.नी होवा बाबतनी संभावना पुष्ट थाय छे. गच्छपति प्रत्येना अहोभाव शब्दोमां काईक आ रीते उतारता तेओ कहे छे के 'भमरो मालतीने जोईने, चकोर चंद्रने जोईने, हंस मानसरोवरने जोईने, मोर वादळने जोईने, चकवो चकवीने जोईने, झवेरी हीरा अने मणिने जोईने, तेमज भोगविलासी जीवो वसंतने जोईने प्रसन्न थाय छे, आनंदित थाय छे एम गुरुने जोईने माझं हृदय विकसित बने छे, प्रसन्नता पामे छे. तो गच्छपतिना स्मरणने जणावता तेओ कहे छे के आंबो जोईने कोयल आनंदित बने छे, तेम गच्छपतिनुं स्मरण अमने आनंदित, पुलकित बनावे छे. उपरोक्त आलेखायेला सुंदर-सुंदर कल्पनो पू. महोपाध्यायजीना प्रचलित विविध स्तवनोमां जोवा अने माणवा मळे छे. तेमज छेल्ली बे कडीमां प्रयुक्त आनंदनी एंधाणीओ आपती आज भले दिन उगीओ, सुरतरु फलीयो गेह जेवी आं कृतिनी काव्यपंक्तिओ पू. महोपाध्ययजी महाराजनुं ज सर्जन होवानी साक्षी पूरे छे. For Private and Personal Use Only
SR No.525299
Book TitleShrutsagar 2015 04 Volume 01 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size5 MB
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