SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org बारव्रतनो संक्षिप्त परिचय कनुभाई ल. शाह 'धर्मथी सुख अने पापथी दुःख' आ एक सनातन सत्य छे. जे आत्मा मन, वचन अने कायाथी पापनुं सेवन करे छे ते अवश्य दुःखने पामे छे. अने जे जीवो मन, वचन अने कायाथी पापोनो त्याग करी, धर्मनुं आचरण करे छे. ते अवश्य सुखने पामे छे. जेना हैये दोषथी बचवानी ने सुखने मेळववानी ईच्छा छे ते दरेक आत्माए पापने छोडवानो अने धर्मनुं आचरण करवानो प्रयत्न करवो जोईए. चार गतिमां मात्र मानवगति ज एवी छे, के तेने प्राप्त करी जीव धर्माचरण करी शके छे. एटलुं ज नही पण कर्मना बंधनो तोडी मुक्तिपदने पामी शके छे. मानव भवन प्राप्ति थतां जीवने जे शक्तिओ प्राप्त थाय छे. ए अन्य गतिमां सुलभ नथी. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मानवजीवनना विकास माटे शास्त्रकारोए सामान्यथी बे मार्ग बताव्या छे. - देशविरति धर्म अने सर्वविरति धर्म. सर्वविरति एटले श्रमण मार्ग, देशविरति एटले श्रावक मार्ग. व्रत. संपूर्ण पापोनो संपूर्ण अंशे निषेध एटले सर्वविरति संपूर्ण पापोनो यथाशक्य निषेध एटले देशविरति. सर्वविरतिनो मार्ग सरळ नथी. घरबार, कंचन, कामिनी ईत्यादिनो संपूर्ण त्याग करी, अणगार अवस्था प्राप्त करवी पडे, त्यारे सर्वविरतिनी उपासना अने आराधना शक्य बने. आ बधुं सामान्य जन माटे शक्य के सरळ नथी. संपूर्ण पापोनो यथाशक्य निषेध करी शकाय छे, देशविरतिना स्वीकारथी. व्रत ए बंधन नथी, मुक्ति छे. असंख्य पापोमांथी व्रत स्वीकार द्वारा छुटाय छे. सर्वविरतिधरनुं व्रत महाव्रत कहेवाय कारण के मन वचन अने कायाथी त्रणेय योगथी त्रिविध त्रिविध छे. ज्यारे देशविरतिधरनुं व्रत अणुव्रत कहेवाय कारण के वचन अने कायाथी द्विविध द्विविध छे. श्रावकना बार व्रतोमां प्रथमना पांच अणुव्रतो छे : (१) अहिंसा (२) सत्य (३) अचौर्य (४) ब्रह्मचर्य अने (५) परिग्रह परिमाण For Private and Personal Use Only
SR No.525279
Book TitleShrutsagar Ank 2013 06 029
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy