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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २८ जून • २०१३ कृतिकार जणावे छे के' बस्सो केरडाथी वधारे द्रव्योनुं व्याज लेवू नहीं. वहाण संबंधी व्यापारनी जयणा, बधुं मळीने बे लाख रूपिया सुधीनो वहाण संबंधी व्यापार करवो, बाकीनो त्याग जाणवो. तेमज गाडाओर्नु भाडु विगेरे पण लेवा नहीं. व्रत पालनमां भंग थाय तो बीजा दिवसे नीवी, तप करवू. कृतिमा आवता केटलांक विशेष शब्दो : प्रधान अर्थमां वपराता शिरोमणी शब्दनुं अहीं प्राच्य रूप जोवा मळे छे. शिरमणी. सदा अर्थमां वपरातो सदैव शब्द सदीय रूपे कृतिमां वपरायो छे, तो बहु अर्थमां वपरातो बहु शब्द अहीं बोहुली रूपे लखायो छे... वासणना अर्थमां वपरायेल हांडला शब्द विशेष ध्यान खेंचे छे. तो बहु प्रसिद्ध चणानुं अहीं चीणो रूप जोवा मळे छे. प्रत परिचय: आ टीपणानुं लेखन पाटणना सालवीवाडामा रहेता मोढज्ञातीय पंड्या सीपाना दिकरा भवानजीए कर्यु छे. आ टीपणुं अमारा संग्रहालयना स्क्रोल विभागमा संकलित अने संगृहित छे. टीपणानी बन्ने बाजुए आपेल रंगीन बोर्डरमा फुलवेलर्नु चित्रण जोवा मळे छे. टीपणानुं परिमाण २०१x१९.५ छे. आ टीपणुं सचित्र छे. कुल चार चित्रो आपवामां आव्या छे. प्रथम चित्र ४४१८'ना परिमाणमां अष्टमंगलनुं चित्र आपेल छे. (जे आ ज अंकना टाईटल पेज नं. ४ उपर प्रकाशित करेल छे) द्वितीय चित्र २२४१४.५ ना परिमाणमां लक्ष्मीजीचें चित्र तेमज १३४१५'ना परिमाणमां सिंहनुं चित्र आपेल छे. टीपणाना अंतभागे आपेला चित्रमा १२४१९.५ ना परिमाणमां व्याख्यान आपता गुरुभगवंत पासे व्रत ग्रहण करता श्रावक अने श्राविका जणाय छे. चित्रमा मध्यभागे गुरुभगवंत सन्मुख स्थापनाचार्यजी अने ठवणीमा परोवेली नवकारवाळी चित्रनी सुंदरतामां वधारो करे छे. तो गुरुभगवंतनी उपरना भागे धरायेल छत्रनी आकृति खूब सुंदर छे. (आ चित्र आ ज अंकना टाईटल पेज नं. १ उपर प्रकाशित करेल छे.) टीपणाना अंते करेल 'मुनि क्षमासागरेण चित्रित श्रीरस्तुः' उल्लेखानुसार आ चित्रो आचार्य श्री धर्ममूर्तिसूरि महाराजनी परंपराना मुनिश्री क्षमासागरजी महाराजे आलेख्या छे. चित्रकलामां आ रीतनुं साधुपुरुषनुं योगदान एक विशिष्ट कला साधनानी प्रतीति करावी जाय छे. त्रणेय चित्रो क्षमासागरजी महाराज द्वारा चित्रित होवानी संभावना वधु छे. For Private and Personal Use Only
SR No.525279
Book TitleShrutsagar Ank 2013 06 029
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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