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मार्च - २०१३
कहि नारद कुंयर सूणउ रे लाल उग्रसेनसुत देखि मनमोहिउ रे, तेहनि दीधी छि कन्याका रे लाल नवि तस रूप न रेख मनमोहिउ रे. २९
कुंयर बोलि कूतिकी...
कुंयर बोलि[इ जाणिनि रे लाल, किम जूडसइ प्रभू वात मनमोहिउ रे, तस संगम किम होयसि रे लाल, दीसइ छि व्याघात मनमोहिउ रे.३०
कुंयर बोलि कूतिकी...
कुंयरनि रिखि भाखतउ रे लाल, हउं मनि जाणं सोय मनमोहिउ रे, जूगतिं जोडउ जोडसि रे लाल, तुझ वखत बल जोइ मनमोहिउ रे. ३१
कुंयर बोलि कूतिकी...
इम कही नारद ततखिणइ रे लाल आविउ कमला आवासि मनमोहिउ रे, आगति-स्वागति बहु करी रे लाल, रिषि बइठउ सुविलासि मनमोहिउ रे. ३२
कुंयर बोलि कूतिकी...
मुनि प्रति जंपि कुंयरी रे लाल, मही-मंडलि जोतां स्वामि मनमोहिउ रे, वात कहु सोहामणी रे लाल, बलिहारी जाउं नामि मनमोहिउ रे. ३३
कुंयर बोलि कूतिकी...
जंपि नारद सुंदरू रे लाल, कमला सूणि एक साच मनमोहिउ रे,
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