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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्रुतसागर - २६ धनसेन प्रमुख उपस्थित तमामने शांब समजावीने पाछा वाळे छे. सागरचंद्र कमलामेला साथे नगर-प्रवेश करे छे. अनुक्रमे साथे रहीने सुखमय दिवसो व्यतीत करे छे. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - ढाळ छट्टी कड़ी १२ (कडी क्रमांक १-१२) राग केदारो जानी चलणा न देखिउं. १७ अहीं सुधी कथा अधगामिनी हती, अथवा संसार तरफनो प्रवाह एमां गतिमान हतो. हवे, वहेण बदलाय छे. संसारथी वैराग्य तरफनुं चित्र आ ढाळमां कविए उघाड्युं छे. आखं नगर एक सरखा प्रवाहमां जीवन व्यतीत करे छे. ऋतुनी जेम एमां नोंध - - पात्र फेरफार अनुभवाय छे, एकदा नेमि जिनेश्वर द्वारका नगरीमां पधारे छे. आखा नगरने एक-सम आनंदम् नी अनुभूति थाय छे देव समोवसरणनी रचना करे छे. बारे 'य पर्षदा प्रभुना अमाप तेज अने चोगम उछळती देशनामृतनी धारामां परिप्लावित थाय छे. वनपालनी वधामणीए नरेसर कृष्ण समग्र परिवार सहित प्रभुने वांदवा आवे छे. सागरचंद्र गोखमां बेसी एक मार्गे जतां लोकोने जोई पोताना सेवकने पूछे छे. सेवकनी वात सांभळी प्रभुने वंदन करवा उद्यानमां आवे छे. प्रदक्षिणा आपी, यथा-स्थाने बेसे छे. ढाळ सातमी कडी - १३ (कडी क्रमांक ६-१९) झुबकडानी देशी. आ ढाळनो कडी क्रमांक ६ थी शरू थयो छे. ढालना पूर्वार्धमा नेमि जिन देशना, अने ढाळना उत्तरार्धमा सागरचंद्रनुं बारव्रत स्वीकार जेवा परिणामलक्षी विषयो मळे छे. आ ढाळनी ४-५ गाथाओमां कविए नेमिजिन देशनाना माध्यमे कृतिनुं धर्मोपदेश्य आवरी लेवायुं छे. व्यवहार जीवनना प्रत्येक दिवसोमां अनुभवाती स्थितिनी वात कविए बहु सुंदर शब्दोमां रजू करी छे. राग-द्वेषनी सांकलई रे, बंधाणा सवि जीव देशना वर्णनना माध्यमे मनुष्यभवने हीरा साथे सरखावी एनी उपर कर्मनी धूळना थरो जामी गया छे एवं पुरुषार्थ सूचक निवेदन करवानुं कवि चूक्या नथी. देशना सांभळी सागरचंद्र समकित पामी, श्रावकधर्म अंगीकार करे छे. अहीं संसार त्याग थई शके एटलो प्रबळ निर्वेद नथी. पण हवे बहु वार न लागे एवं परंपर कार्यनुं असाधारण कारण प्राप्त थई गयुं छे. For Private and Personal Use Only पर्व दिवसे एकवार सागरचंद्रए पौषधशाळामां पौषध कर्यो होय छे. पुरुषार्थ ज्यारे प्रबळ बने त्यारे कार्य सिद्धि हाथ-वेंत ज होय छे, कमलामेला साथे लग्न
SR No.525276
Book TitleShrutsagar Ank 2013 03 026
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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