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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विजयशेखर गणि विरचित सागरचंद रास (रचना संवत. १६८९) आ कृति प्रायः सौ प्रथम वखत प्रकाशित थाय छे. कविए आवश्यकनियुक्तिनी टीकाओमां मळता कथानकना आधारे आ रासनी रचना करी छे. रासमां सागरचंद मुनिनी समताना गुण-गान ए कवितुं कथयितव्य छे. रासकार महाराज कृतिना प्रारंभे माता सरस्वती अने पोताना गुरुभगवंतनुं स्मरण करी, जेसलमेरमा बिराजमान श्रीपार्श्वनाथ भगवानने मानस-शुद्धि हेतु प्रार्थना करे छे. आ रासनी रचना पाछळनो उद्देश जणावतां कवि कहे छे. सज्जनोना गुण-गान ए चित्त-प्रसन्नतानो हेतु छे. आथी हुं सागरचंद मुनिना क्षमा गुणनी स्तवना करीश. रचनानो आधार : कविए जणाव्या अनुसार आ रासनु मूळ आवश्यकनियुक्तिमां मळे छे. भद्रबाहु स्वामी आवश्यकनियुक्तिमां अनुयोग नामना प्रथम द्वार स्वरुपने जणावे छे. नाम, स्थापना, द्रव्य, क्षेत्र, काळ, वचन, भाव, ए प्रमाणे सात-प्रकारना निक्षेपाओथी अनुयोगना स्वरूपने जणावे छे. ए सात प्रकारना निक्षेपान्तर्गत भाव-निक्षेपना विवरणमा नियुक्तिकार सात उदाहरण आपी भावानुयोग-अननुयोगर्नु चित्र स्पष्ट करे छे. प्रायः आ रासनी रचना हारिभद्रीय टीका अंतर्गत कथानकना आधारे थई होय एवी संभावना छे. कृतिमां कुल सात स्थाने संस्कृत-प्राकृत श्लोको मूकवानी तक कविए लीधी छे. एमां ५ गाथाओ प्राकृत, अने २ श्लोक संस्कृत छे. ढाल पेहली, कडी - १० (कडी १-२०) चंदायणनी देशी. सौराष्ट्रनी द्वारका नगरीमां बलभद्रनो पुत्र निषध रहेतो होय छे. एने प्रभावती राणीथी सागरचंद्र नामनो पुत्र थाय छे. सागरचंद्र कुमार चतुर, कला-गुण युक्त, तेजस्वी अने रूपवान हतो. शांबकुमार साथे जीव एकने जुदो देह जेवी आत्मीयता हती. ए ज नगरमां धनसेन नामना राजाने कमलामेला नामे कन्या हती, रूपनो सूरज कमलामेलाना देहाकाशे मध्याह्न हतो, नगरनी नारीओ एनी कला अने कोमळता सामे पाणी भरती. यौवनवय पामता ज पिताना मनमां दिकरीनी चिंताए प्रवेश कर्यो, योग्य अवसर जोई पिता धनसेने राजा उग्रसेनना दिकरा नभसेन साथै एनी सगाई करी, आ अरसामां नारद हाथमां वीणा अने कमंडल धारण करी नभसेनना घरे पधारे छे. कन्या लाभे नभसेन खुश-खुश होवाथी. पोते उभा थई नारदने आसन विगेरे आपवानुं औचित्य-विनय चूकी जाय छे. पोतार्नु अपमान थयु For Private and Personal Use Only
SR No.525276
Book TitleShrutsagar Ank 2013 03 026
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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