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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुत सागर, चैत्र 2054 23038 8 1665 आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञान मंदिर भवन का भीत्ति चित्र एक बृहद पुस्तकाकार भीत्तिफलक पर समग्र संस्था के आद्य प्रेरणा स्रोत परम पूज्य गच्छाधिपति, महान शासन प्रभावक आचार्य देव श्री कैलाससागरसूरीश्वरजी महाराज तथा उनके द्वारा अभिप्रेरित श्री सीमन्धरस्वामी के महेसाणा स्थित जिनालय का उन्नत शिखर, श्रुतसागर के संदोहरूप भगवती सरस्वती देवी व उनकी आराधना के बीजाक्षर ॐ, ह्रीं श्रीं, ऐं: प्राचीन संस्कृति एवं कला धरोहर के संरक्षण हेतु प्रतीक रूप जीवित स्वामी के बिम्ब की प्रतिकृति, पुरातन कलात्मक ग्रंथ व पुस्तक से प्राचीन एवं अर्वाचीन पुस्तकों के संग्रहण एवं संरक्षण तथा कम्प्यूटर की सहायता से अत्र उपलब्ध सामग्री योग्य जिज्ञासुओं को त्वरित उपलब्ध करना, सम्यक् ज्ञान यज्ञ द्वारा सिद्धशिला पर आत्मा का अधिष्ठान एवं श्रीसंघ को अभिवृद्धि व समृद्धि प्रदान करने वाला मङ्गलमय पूर्णकलश तथा परम पवित्र नंद्यावर्त प्रतीक दृष्टिगत होता है. ये प्रवृत्तियाँ सूर्य-चन्द्र जब तक रहें तब तक यहाँ चलती रहें, ऐसा दृढ़ संकल्प! Book Post/Printed Matter सेवा में प्रेषकः श्रुत सागर आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञान मन्दिर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र कोबा, गांधीनगर 382 009. (INDIA) प्रकाशक : सचिव, श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा, गांधीनगर-३८२ 009 मुद्रक :मर्करी प्रिन्टर्स अहमदाबाद, फोन : 079-5624029 For Private and Personal Use Only
SR No.525256
Book TitleShrutsagar Ank 1998 04 006
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai Shah, Balaji Ganorkar
PublisherShree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year1998
Total Pages16
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size1 MB
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