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________________ 16 : श्रमण, वर्ष 66, अंक 4, अक्टूबर-दिसम्बर, 2015 विवरण सत्य के काफी निकट हैं। उनके द्वारा पशु-हिंसा का निषेध तत्कालीन साक्ष्यों के समरूप है। इस संग्रह के विवरण कुमारपालप्रतिबोध, हेमचन्द्रकृत 'महावीरचरित', 'कुमारविहारशतक', 'कुमारविहारप्रशस्ति' आदि समकालीन पुस्तकों में तद्नुरूप हैंयह लेखक के ऐतिहासिक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है। कुमारपाल के मन्त्रियों में श्रीपाल, अहाड़, आम्रभट अथवा आम्बड अत्यधिक प्रसिद्ध थे- इस संग्रह में भी उनके यशोगान को प्रस्तुत किया गया है। जयसिंह सिद्धराज के मन्त्रियों के नाम भी इस संग्रह में यथावत उल्लिखित हैं तथा उनके धार्मिक क्रियाकलापों का वर्णन समकालीन साक्ष्यों के समरूप है। आचार्यों (हरिभद्र, सिद्धर्षि आदि) के वर्णन से भी ऐतिहासिक घटनाओं की पुष्टि होती है। उपर्युक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि पुरातनप्रबन्धसंग्रह एक ऐतिहासिक वृत्तान्त है। इसमें सन्देह नहीं कि घटनाओं के वर्णन में कल्पना का सहारा लिया गया है लेकिन निस्सन्देह कल्पनाएँ ऐतिहासिक वृत्तान्तों पर हावी नहीं हो पायी हैं। विवेक एवं धैर्य के साथ अध्ययन करने पर ऐतिहासिक तथ्यों के नजदीक पहुँचा जा सकता है। इस दृष्टि से पुरातनप्रबन्धसंग्रह मध्यकाल (मुख्यतः ८वीं-९वीं शताब्दी से लेकर १४वीं शताब्दी तक) के इतिहास को जानने का एक प्रामाणिक स्रोत है और यही इस विशिष्ट ग्रन्थ की ऐतिहासिक मूल्यवत्ता है। संदर्भ : यथाश्रुतं सङ्कलित: प्रबन्धैर्ग्रन्थो मया मन्दधियापि यत्नात् । प्रबन्ध चिन्तामणि, आचार्य मेरूतुग, अधिष्ठाता सिंघी जैन ज्ञानपीठ, कलकत्ता, १९३३, श्लोक ३, पृ० १२५ श्रीऋषभादिवर्धमानान्तानां जिनानां, चक्र्यादीनां राज्ञाम्, ऋषीणांचार्यरक्षितान्तानां वृत्तानि चरितानि उच्यन्ते। तत्पश्चात्कालभाविनां तु नराणां वृत्तानि प्रबन्धा इति", प्रबन्धकोश, राजशेखर सूरि, सिंघी जैन ज्ञानपीठ, विश्वभारती शांतिनिकेतन, १९:३१, पृ० १ पुरातनप्रबन्धसंग्रह, सं. जिनविजयमुनि, अधिष्ठाता सिंघी जैन ज्ञानपीठ, कलकत्ता, १९३६, प्रथम संस्करण, पृ० १३६ पुरातनप्रबन्धसंग्रह, पूर्वोक्त, पद्यांक २७५, पृ० ८६ पृथ्वीराजरासो, पद्य २३६, पृ० ४१९६ । तत्र जिह्वां खण्डयित्वा उपविशता तेन दोधकपञ्चशती कृता।। - पुरातनप्रबन्धसंग्रह, पूर्वोक्त, पृ० ४९ *****
SR No.525094
Book TitleSramana 2015 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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