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________________ हिन्दी अनुवाद : क्या खबर महानुभाव सुप्रतिष्ठ का क्या हुआ ? संग्राम में लड़ते जीवित हैं कि मर गए कुछ पता नहीं । गाहा : एमाइ चिंतयंतो धणदेवो आगओ निजे सत्ये । अह कमसो संपत्तो सत्य- जुओ हत्यिणपुरम्मि ।। २३१ ।। संस्कृत छाया : हुए एवमादि चिन्तयन् धनदेव आगतो निजे सार्थे । अथ क्रमशः सम्प्राप्तः सार्थयुतो हस्तिनापुरे ।। २३१ । । to गुजराती अनुवाद : आ प्रमाणे विचारतां धनदेव पोताना सार्थमां आव्यो अने क्रमे करीने सार्थ साथै हस्तिनापुर पहोंच्यो । हिन्दी अनुवाद : इस प्रकार विचार करता हुआ धनदेव अपने सार्थ में लौट आये और बाद में सार्थ के साथ हस्तिनापुर आ गए। गाहा : तुट्ठा ओ जणणि जणया सव्वे आणंदिया वयंसा से । सोहण दिवसे बहुया पवेसिया नियय गेहम्मि ।। २३२ ।। संस्कृत छाया : तुष्टौ ओ! जननी जनकौ सर्वे आनन्दिता वयस्यास्तस्य । शोभनदिवसे वधू प्रवेशिता निजकगेहे ।। २३२ ।। गुजराती अनुवाद : माता, पिता, मित्रो बधा खुश थया अने संतोष पाम्या. सारा दिवसे घरमा पुत्र वधूनो प्रवेश करायो । हिन्दी अनुवाद : माता, पिता, मित्र सभी धनदेव के आने से खुश हो गए और उन्हें संतोष मिला। शुभ दिन देखकर घर में बहू को प्रवेश कराया गया।
SR No.525094
Book TitleSramana 2015 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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