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________________ हिन्दी अनुवाद : शोक से पीड़ित अनेक आश्वासन दिए जाने पर भी बड़े-बड़े आंसू गिराता नीचे मुख कर बैठा। तभी देव ने कहा ! स्त्री के कारण तूं किस लिए इतना शोक कर रहा है ? गाहा : विबुह जण निंदणिज्जं असमंजसचे चेट्ठियं पमोत्तूण | वत्थु - सरूवं सुंदर ! भावेयव्वं पयत्तेण । । ९८ ।। संस्कृत छाया : विबुधजन - निन्दनीयमसमञ्जस- चेष्टितं प्रमुच्य । वस्तु स्वरूपं सुन्दर ! भावयितव्यं प्रयत्नेन । । ९८ । । गुजराती अनुवाद : बुद्धिमान लोकोने माटे निंदनीय अने अविचारी चेष्टाओ ने छोड़ीने हे सुन्दर! तुं प्रयत्न पूर्वक वस्तुना स्वरूपंनुं चिंतन कर। हिन्दी अनुवाद : बुद्धिमान लोगों के लिए निन्दनीय और अविचारी चेष्टाओं को छोड़ हे सुन्दर ! तुम कोशिश कर वस्तु के स्वरूप का चिन्तन करो । गाहा : संसारम्मि अणंते परिब्भमंताण होंति जीवाण । संयोग - विप्पओगा इट्ठाणिट्ठेहिं सयहुत्तं । । ९९।। संस्कृत छाया : संसारेऽनन्ते परिभ्रमतां भवन्ति जीवानाम् । संयोग - विप्रयोगा इष्टानिष्टैः शतकृत्वः ।। ९९ ।। गुजराती अनुवाद : अनंतीवार आ संसारमां भटकता जीवने प्रियने अप्रिय संयोग ने वियोग सेंकड़ोवार यता होय छे। हिन्दी अनुवाद : अनंत बार इस संसार में भटकते जीव को अप्रिय से संयोग और प्रिय से वियोग सैंकड़ों बार होता है।
SR No.525094
Book TitleSramana 2015 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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