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विद्यापीठ के प्राङ्गण में : 145
'स्याद्वाद और अनेकान्तवाद', 'अहिंसा - सिद्धान्त', 'प्राकृत भाषा'; प्रो० सीताराम दुबे (वाराणसी) - 'Literary Sources of Jainism', 'Epigraphical Sources of Jainism'; डॉ० अशोक कुमार जैन (वाराणसी) - 'जैन प्रमाण एवं न्याय,' 'सम्यग्दर्शन'; डॉ० सुभाष जैन (अमेरिका) - Jaina Karma Theory'; डॉ॰ अशोक कुमार सिंह (वाराणसी) - 'जैन कोश परम्परा', 'जैनों द्वारा की गई अजैन कृतियों पर व्याख्यायें; प्रो० कमलेश दत्त त्रिपाठी (वाराणसी) - संस्कृत नाटकों में प्राकृत भाषा प्रयोग; प्रो० हरिहर सिंह (वाराणसी) - 'जैन स्थापत्य'; प्रो० फूलचन्द जैन 'प्रेमी' (वाराणसी) - 'जैन आचार'; राकेश ब्रह्मचारी (सागर) - 'गुणस्थान, लेश्या और पाण्डुलिपि प्रो० कमलगिरि (वाराणसी) - 'जैन चित्रकला'; डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय (वाराणसी) - 'जैन योग'; प्रो० रामचन्द्र पाण्डेय (वाराणसी) - 'जैन ज्योतिष' ; प्रो० कमलेश जैन (वाराणसी) - 'जैन आगम' तथा प्रो० डी०पी० शर्मा (वाराणसी) - 'Jaina Sculptures from Pabhosa', और 'Lower Yamuna Ganga Doab'।
इस कार्यशाला में पत्र प्रस्तुति, परिचर्चा और परीक्षा भी हुई। कार्यशाला का समापन सत्र दिनांक २७ मार्च २०११ को सम्पन्न हुआ। समापन सत्र के मुख्य अतिथि थे श्री नरेन्द्र कुमार जैन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, वाराणसी तथा अध्यक्ष थे प्रो० डी०एन० तिवारी, अध्यक्ष, दर्शन एवं धर्म विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी । विशिष्ट अतिथि थे अतिरिक्त न्यायाधीश श्री रामकृष्ण गौतम । संस्था के निदेशक प्रो० सुदर्शन लाल जैन ने विवेचित विषयों पर प्रकाश डाला। संस्था के संयुक्त निदेशक (स्थापन) डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय ने संस्था का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ॰ अशोक कुमार सिंह, मंगलाचरण पंकज जैन तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री ओम प्रकाश सिंह ने किया। कार्यक्रम की सफलता को सभी ने सराहा और इस प्रकार के कार्यक्रम को भविष्य में पुनः करने की इच्छा प्रकट की ।
प्राकृत एवं अपभ्रंश भाषा में पाठ्यक्रम का शुभारम्भ
राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त तथा अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर द्वारा संचालित प्राकृत तथा अपभ्रंश भाषाओं के पाठ्यक्रम के लिये पार्श्वनाथ विद्यापीठ में पन्द्रह - पन्द्रह छात्र - छात्राओं का पंजीकरण हुआ है। पंजीकृत छात्र / छात्राओं के अध्यापन की व्यवस्था पार्श्वनाथ विद्यापीठ में की गयी है। अग्रिम वर्ष से जैन विद्या और योग के पाठ्यक्रम भी संचालित होंगे।
नियुक्तियाँ
पार्श्वनाथ विद्यापीठ, करौंदी, वाराणसी में डॉ० अशोक कुमार सिंह की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में, डॉ० नवीन कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ० राहुल कुमार सिंह की शोध-अध्येता के रूप में तथा श्री सूरज कुमार मिश्रा की कार्यालय सहायक के रूप नई नियुक्तियाँ की गयी।