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________________ पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्राङ्गण में द्विदिवसीय संगोष्ठी एवं लोकाख्यान गायन कार्यक्रम का आयोजन इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, पूर्व क्षेत्रीय केन्द्र, वाराणसी की तरफ से विद्यापीठ प्राङ्गण में ४-५ जनवरी २०११ को विलुप्त हो रहे चन्दालोरिक / मञ्जरीलोरिक एवं बिरहा आख्यान को जीवित रखने के लिए द्विदिवसीय सड्. गोष्ठी एवं गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के परामर्शदाता थे प्रो० कमलेश दत्त त्रिपाठी तथा अध्यक्ष थे प्रो० सुदर्शन लाल जैन, निदेशक, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी। श्री धनपतराज सुशीला भंसाली विद्याभवन का लोकार्पण एवं पार्श्वचन्द्रगच्छीया प०पू० भव्यानन्द श्री जी म०सा० के ४१ वें दीक्षा - दिवस पर गुणानुवाद पार्श्वनाथ विद्यापीठ में दिनांक १६ जनवरी २०११ को श्री धनतपराज सुशीला भंसाली विद्याभवन का भव्य लोकार्पण सम्पन्न हुआ । इस भवन का निर्माण श्री धनपतराज भंसाली ने साधु-साध्वियों की आवास व्यवस्था को दृष्टि में रखकर कराया है। इस भवन में सर्वसुविधायुक्त कुल आठ कमरे एवं एक हाल है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ में पहले भी साधु-साध्वियों के ठहरने हेतु व्यवस्था थी किन्तु यह नया भवन उनकी अपेक्षा बड़ा तथा सुविधा सम्पन्न है। कार्यक्रम का प्रारम्भ श्री भंसालीजी की इच्छानुसार पार्श्व - पद्मावती पूजन से हुआ। पूजा के पश्चात् विद्याभवन का उद्घाटन समारोह प्रारम्भ हुआ। पार्श्वनाथ विद्यापीठ प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष डॉ० शुगन चन्द जैन ने पार्श्वनाथ विद्यापीठ का परिचय देते हुए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान को स्थापित करने का संकल्प दुहराया। समारोह के मुख्य अतिथि थे महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो० अवधराम तथा अध्यक्ष थे संस्कृत साहित्य के उद्भट विद्वान् प्रो० कमलेश दत्त त्रिपाठी । श्री धनपतराज भंसाली ने इसके निर्माणकार्य में सहायक श्री सतीश चन्द जैन एवं श्री ओमप्रकाश सिंह का स्वागत करते हुए इस प्रोजेक्ट के विषय में अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर समिति के मन्त्री श्री इन्द्रभूति बरड़, उपाध्यक्ष श्री कुँवर विजयानन्द सिंह, पूर्व निदेशक प्रो० सागरमल जैन एवं पूर्व निदेशक प्रो० महेश्वरी प्रसाद, श्री दीनानाथ झुनझुनवाला, श्री शान्तिलाल जी जैन, श्री गौतम बुरड़ आदि उपस्थित थे। इनके अतिरिक्त जैन समाज के पदाधिकारीगण तथा अनेक संभ्रान्त व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस अवसर पर पार्श्वचन्द्रगच्छीया ज्ञानभारती प०पू० भव्यानन्द म०सा० के ४१वें दीक्षादिवस पर उनका गुणानुवाद भी किया गया। इस अवसर पर पार्श्वचन्द्रगच्छ की
SR No.525075
Book TitleSramana 2011 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Shreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2011
Total Pages172
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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