________________
आचार्य हेमचन्द्र काव्यशास्त्रीय परम्परा में अभिनवगुप्त के प्रतिकल्प : १९
२. काव्यानुशासनविवेक, १.३, नन्दीसंस्करण, पृ. १६२ ३. द्र. काव्यानुशासन, पृष्ठ १७२ ४. शतपत्र श्लोक १०० ५. सीताचरितम्, मुखबन्ध, पृ. १० ६. काव्यानुशासनविवेक, पृ. १७२, काव्या. १.३ नान्दीसंस्करण ७. काव्यप्रकाश, ४.२७,२८ ८. द्र. नाट्यशास्त्र, सम्पादक तथा अनुवादक रेवाप्रसाद द्विवेदी, प्र. IJAS, शिमला,
२००५ पृष्ठ ९२) ९. सं.का.शा. का आ. इ. पृ. २४९, काव्यानुशासन २२७-२८ नन्दीसंस्करण। १०. नाट्यशास्त्र अध्याय २२.६ ११. योगसूत्र २४ १२. काव्यानुशासन ७.५२ वृत्ति १३. नैषध, २२ अन्तिम १४. डॉ. नन्दीसंस्करण पृ. ३२२ १५. पृ. ३२४ नन्दीसंस्करण १६. पृ. ३२६ नन्दीसंस्करण १७. पृ. ३२६ नन्दीसंस्करण १८. पृ. ३२७ नन्दीसंस्करण १९. पृ. ३२७ नन्दीसंस्करण २०. पृ. ३२८ नन्दीसंस्करण २१. पृ. ३२९ नन्दीसंस्करण २२. पृ. ३३० नन्दीसंस्करण २३. पृ. ३३० नन्दीसंस्करण २४. पृ. ३३० नन्दीसंस्करण २५. कुमार सम्भव ८.६३ १६. ध्वन्यालोक २.५