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गुजराती अनुवाद :
हे सुंदर! ते चित्रगति पूर्व-व्यवमां तारो मित्र हतो तेथी एकवारना दर्शनथी पण परस्पर गाढ स्नेह थयो। हिन्दी अनुवाद :
हे सुन्दर! वह चित्रगति पूर्वभव में तेरा मित्र था, इसलिए एक ही बार के दर्शन से भी दोनों में परस्पर प्रगाढ़ स्नेह हुआ।
(उपायपूर्वक कनकमालाने प्राप्त करावी)
गाहा:
तेणं उवाय-पुव्वं घडिया सा तुज्झ कणगमाला ओ।
इण्हि स-कम्म-वसओ जाओ तुह तीइ सह विरहो ।। २४५।। संस्कृत छाया :
तेनोपायपूर्वं घटिता सा तव कनकमाला ओ!।
इदानीं स्वकर्मवशतो जातस्तव तया सह विरहः ।। २४५।। गुजराती अनुवाद :
तथा ते चित्रगति वडे उपायपूर्वक तारी साथे कनकमालानो मेलाप करावायो। अने हालमा पोताना कर्मवशथी तेणी साथे तारो विरह थयो छे। हिन्दी अनुवाद :
तथा उस चित्रगति के द्वारा उपायपूर्वक तेरे साथ कनकमाला का मिलाप कराया गया और वर्तमान में अपने कर्मवश से उसके साथ तेरा विरह हुआ है। गाहा :___ भो चित्तवेग! बहुणा किं वा भणिएण एत्थ अन्नेण? ।
जं चेव आसि पुढे तं चिय तुह ताव साहेमि ।। २४६।। संस्कृत छाया :
भो! चित्रवेग! बहुना किंवा भणितेनात्रान्येन ? ।
यदेवासीत् पृष्टं तदेव तव तावत् कथयामि ।। २४६।। गुजराती अनुवाद :
हे चित्रवेग! हवे हालमां बहु कहेवा वडे शु? जे पूछायुं हतुं तेनो ज जवाब आपु छु।
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