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हिन्दी अनुवाद :
अधिक क्या कहना? जन्मे हुए अपने ही पुत्र को मार डालती हैं, ऐसी चपल स्त्रियों के लिए भला प्रिय कौन हो सकता है? गाहा :
ता भद्द! एरिसाणं तडिच्छडाडोव-चवल-हिययाणं ।
महिलाण कए को इह हविज्ज सिढिलायरो धम्मे? ।।१५७।। संस्कृत छाया :
तस्माद् भद्र! ईदृशातां तडित्-छटाटोपचपलहृदयानाम् ।
महिलानां कृते क इह भवेत् शिथिलादरो धर्मे? ।। १५७।। गुजराती अनुवाद :
तेथी हे भद्र! विद्युतलता समान चंचल हृदयवाली महिलाओने माटे थइने कोण अहीं धर्ममां शिथिल आदरवाळो थाय? हिन्दी अनुवाद :
अत: हे भद्र! विद्युल्लता के समान चंचल हृदयवाली महिलाओं के लिए कौन यहाँ शिथिल आदरवाला होगा? गाहा :
इय गुरु-भणियं सोउं विहसिय घणवाहणेण संलत्तं ।
अन्नाओ जुवईओ एवंविह-दुट्ठ-चरियाओ ।।१५८।। संस्कृत छाया :
इति गुरु- भणितं श्रुत्वा विहस्य धनवाहनेन संलप्तम्। '
अन्या युवत्य एवंविध-दुष्ट-चरिताः ।। १५८।। गुजराती अनुवाद :
गुरु भगवंतनुं कहेलुं सांभलीने हसीने धनवाहने कडं, बीजी युवतिओ आवा प्रकारना दुष्ट चरित्रवाली होय छे। हिन्दी अनुवाद :
गुरुभगवन्तों के द्वारा कही हुई बातें सुनकर हँसते हुए धनवाहन ने कहा कि अन्य युवतियाँ इस प्रकार की दुष्ट चरित्रवाली होती हैं।
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