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हिन्दी अनुवाद :
ऐसी स्त्रियाँ मन में अन्य का चिन्तन करती हैं, देखती हैं अन्य को तथा सम्बन्ध किसी तीसरे के साथ करती हैं। ऐसी चंचल चित्तवाली स्रिओं को कौन प्रिय होता है। गाहा :
मारेंति पई जारस्स कारणे तंपि हंदि! अन्नट्ठा ।
वीसासंति य अन्नं सम्भावं नेय पयडेंति ।।१५५।। संस्कृत छाया :
मारयन्ति पतिं जारस्य कारणे तमपि हन्दि! अन्यार्थम् ।
विश्वसन्ति चान्यं सद्भावं नैव प्रकटयन्ति ।। १५५।। गुजराती अनुवाद :
वली ते युवतीओ जार (परपुरुष) ने कारणे पतिने मारी नाखे छे, बीजाने माटे थइने जारने मारे छे, विश्वास राखे छे अन्य बीजा उपर परंतु पोतानो सद्भाव क्यांय प्रगट करती नथी। हिन्दी अनुवाद :
और वे स्त्रियाँ जार (परपुरुष) के कारण पति को भी मार डालती हैं, दूसरों के लिए जार को मार डालती हैं, विश्वास रखती हैं अन्य दूसरों पर, परन्तु अपना सद्भाव कहीं भी प्रगट नहीं करती हैं। गाहा :
किं बहुणा भणिएणं जाओ य हणंति नियय-पुत्तंपि ।
को नाम पिओ तासिं हविज्ज चवलाण महिलाण? ।।१५६।। संस्कृत छाया :__किंबहुना भणितेन जातश्च हन्ति निजकपुत्रमपि ।
को नाम प्रियस्तासां भवेच्चपलानां महिलानाम्? ।।१५६।। गुजराती अनुवाद :
बहु कहेवा वडे शुं? जन्मेला पोताना ज पुबने पण मारी नाखे छे, आवी चपल स्त्रीओने वळी प्रिय कोण?
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