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________________ गुजराती अनुवाद : सत्य-दया - पवित्रताथी रहित अकार्यमां तत्पर साहसरूप, धनवाली भयने पैदा करनारी स्वी स्त्रीओ छे, तेओने विषे कोण बुद्धिमान प्रीति करे ? हिन्दी अनुवाद : सत्य-दया- पवित्रता से रहित अकार्य में तत्पर साहस रूप धनवाली, भय को पैदा करनेवाली स्त्रियाँ होती हैं, उनसे भला कौन बुद्धिमान प्रेम करेगा ? गाहा : रत्ताओ हरंति धणं पाणेवि हरंति तह विरत्ताओ । रागेवि विरागेवि य भयंकरा दुट्ठ - जुवईओ ।। १५३ ।। संस्कृत छाया : रक्ता हरन्ति धनं प्राणानपि हरन्ति तथा विरक्ताः । रागेऽपि विरागेऽपि च भयङ्करा दुष्टयुवत्यः ।। १५३ ।। गुजराती अनुवाद : रागी स्त्रिओ धनने अने विरागी स्त्रिओ प्राणीने पण हरे छे, आवी दुष्ट स्त्रिओ रागमां अने वैराग्यमां बनेमां भयंकर छे । हिन्दी अनुवाद : रागी स्त्रियाँ धन का तथा विरागी स्त्रियाँ प्राणों का भी हरण कर लेती हैं, ऐसी दुष्ट स्त्रियाँ राग में और विराग में दोनों में भयंकर हैं। (स्त्रीयोंने कोण प्रिय) गाहा : अन्नं चिंतेंति मणे नियंति अन्नं घडेंति अन्त्रेण । चल - चित्तणं ताणं को नाम हविज्ज वल्लहओ ? ।। १५४ ।। संस्कृत छाया : अन्यं चिन्तयति मनसि पश्यन्त्यन्यं घटन्तेऽन्येन । चलचित्तानां तासां को नाम भवेद् वल्लभकः ? ।। १५४ ।। गुजराती अनुवाद : आवी स्त्रिओ मनमां अन्यनुं चिंतवन करे छे, जुवे छे बीजाने, अने संबंध कोई भीजा साथे करे छे, आवी चंचल चित्तवाळी ओने कोण प्रिय होय ? 571
SR No.525071
Book TitleSramana 2010 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages272
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size20 MB
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