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________________ हिन्दी अनुवाद : उसके बाद क्रमश: वारुण-वायव्य आदि शस्त्र मेरे ऊपर प्रयोग करके देखा, वे सारे शस्त्र मेरे मणि के प्रभाव से दूर से ही विलीन हो गए। गाहा : अह ताणि अमोहाणिवि पडिहय-सत्तीणि दटुं सत्थाणि । जाओ विच्छाय-मुहो राय-सुओ विम्हयक्खित्तो ।। ४६।। संस्कृत छाया : अथ तान्यमोघान्यपि प्रतिहत-शक्तीनि दृष्ट्वा शस्त्राणि । जातो विच्छायमुखो राजसुतो विस्मयाऽऽक्षिप्तः ।।४६।। गुजराती अनुवाद : हवे अमोघ शक्तिवाला पण (ते शस्योने निष्फल पामता) हणायेली शक्तिवाला जोइने ते (नधोवाहन) राजपुत्र उदास मोढ़ावालो अने आश्चर्यचकित थयो। हिन्दी अनुवाद : अब अमोघ शक्तिवाले शस्त्र भी (उन शस्त्रों के निष्फल हो जाने पर) ह्रास हो गई है शक्ति जिसकी, ऐसा वह (नभोवाहन) राजपुत्र उदास मुखवाला और आश्चर्यचकित हो गया। गाहा : खणमेगमच्छिऊणं पुणोवि सो एरिसं समुल्लवइ । रे खयराहम! दप्यं मा हु करिज्जासि निय-चित्ते ।।४७।। संस्कृत छाया : क्षणमेकमासित्वा पुनरपि स ईदृशं समुल्लपति । रे! खचराधम! दर्प मा खलु कुरु निजचित्ते ।। ४७।। गुजराती अनुवाद : एक क्षण रहीने ते नभोवाहन आ प्रमाणे बोलवा लाग्यो, हे अधम विद्याधर! तारा चित्तमां अधिमान करीश नहीं के... हिन्दी अनुवाद : एक क्षण रुककर वह नभोवाहन इस प्रकार बोलने लगा, हे अधम विद्याधर! तू अपने मन में अभिमान मत करना कि... 523
SR No.525071
Book TitleSramana 2010 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages272
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size20 MB
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