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________________ हिन्दी अनुवाद : जिस बल के द्वारा तुमसे यह राज्य-विरुद्ध कार्य किया गया है, उसका नाम मुझे अभी बतलाओ, यह मत कहना कि मुझे किसी ने कहा नहीं। गाहा : एसो तुह तिक्खेण सीसं छिंदामि अद्ध-चंदेण । जइ अत्थि पोरिसं किंचि होसु ता जुज्झ-सज्जोत्ति ।।३७।। संस्कृत छाया : एष तव तीक्ष्णेन शीर्ष छिननि अर्धचन्द्रेण । यद्यस्ति पौरुषं किञ्चिद् भव तदा युद्धसज्ज इति ।। ३७।। गुजराती अनुवाद : तीक्ष्ण एवा अर्धचंद्र (बाण) वडे तारा आ मस्तकने छेदं छं, जो तारामां थोडं पण पराक्रम होय तो युद्ध करवा तैयार थई जा। हिन्दी अनुवाद : ऐसे तीक्ष्ण अर्धचन्द्र (बाण) के द्वारा तुम्हारे इस मस्तक को काटता हूँ, यदि तुम्हारे अन्दर थोड़ा भी पराक्रम हो तो युद्ध करने को तैयार हो जा। (नभोवाहन द्वारा हुमलो) गाहा : भो सुप्पइट! एवं भणिऊणं तेण गरुय-रोसेण । आयड्ढिऊण धणुहं मुक्को मह संमुहो बाणो ।।३८।। संस्कृत छाया : भोः सुप्रतिष्ठ! एवं भणित्वा तेन गुरुकरोषेण । आकृष्य धनुर्मुक्तो मम सन्मुखो बाणः ।।३८।। गुजराती अनुवाद : हे सुप्रतिष्ठ! आ प्रमाणे कहीने अत्यंत रोषयुक्त तेणे धनुष्य चढ़ावीने मारी ऊपर बाण छोडयु। हिन्दी अनुवाद : हे सुप्रतिष्ठ! इस प्रकार कहकर अत्यन्त रोषयुक्त उसने धनुष पर बाण चढ़ाकर मेरे ऊपर छोड़ा। 519
SR No.525071
Book TitleSramana 2010 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages272
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size20 MB
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