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हिन्दी अनुवाद :
इत्यादि अनेक संकल्प-विकल्प प्रिया के साथ कर रहा था, तभी हे सुप्रतिष्ठ! शीघ्र गतिवाला वह इस प्रदेश में आ पहुँचा।
(नभोवाहन- आगमन तथा आक्रोश) गाहा :
ताव य तुरिययर-गई पत्तो नहवाहणो मह समीवं । रोसायासायंजिय-सोय-जलोहलिय-गंड-यलो ।।३०। भणियं च तेण रे! रे खयराहम! कत्थ वच्चसे इन्हिं? । इह-पर-लोय-विरुद्धं एरिसं कम्मं समायरिउं? ।।३१।।
(युग्मम्)
संस्कृत छाया :
तावच्च त्वरिततरगतिः प्राप्तो नभोवाहनो मम समीपम् । रोषाऽऽयासासक्त शोकजलौघलिप्त गण्डतलः ।।३०।। भणितं च तेन रे! रे! खचराधम! कुत्र व्रजसीदानीम् ।
इह-परलोकविरुद्धं ईदृशं कर्मसमाचर्य? ।।३१।। (युग्मम्) गुजराती अनुवाद :
अने तरत ज वधु शीघ्रगतिवालो रोषना परिश्रमथी व्याप्त शोकळप पाणीना समूहथी लेपायेला कपोलवालो ते नभोवाहन मारी पासे आव्यो अने तेना वडे कहेवायुं, 'हे खेचराधम्म! आ लोक अने परलोक विरुद्ध आवं कार्य करीने हवे क्यां जाय छे?' हिन्दी अनुवाद :
और तुरन्त ही अत्यन्त शीघ्रगतिवाला, रोष के परिश्रम से व्याप्त शोकरूपी पानी के समूह से लिप्त कपोलवाला वह नभोवाहन मेरे पास आया और उसके द्वारा कहा गया 'हे खेचराधम! इस लोक और परलोक के विरुद्ध ऐसा कार्य करके अब कहाँ जा रहे हो?' गाहा :
काउं राय-विरुद्धं नासंतो कत्थ छुट्टसे पाव! । सूयार-साल-वडिओ ससउव्व विणस्ससे इण्हि ।।३२।।
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