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गुजराती अनुवाद :
जो विद्याधरोना समूहथी युक्त ते ओचिंतो आवी जात तो मोटो भय थात, पण हे सुंदरी! जाण्या पछी शुं थय? हिन्दी अनुवाद :
यदि विद्याधरों के समह से युक्त होकर वह अचानक ही आ जाता तो भारी भय होता, परन्तु हे, सुन्दरी! यह सब जानते हुए क्या भय? गाहा :
देवेण चेव कहियं आगमणमिमस्स तुज्झ पच्चक्खं ।
ता किं एयं दर्दू भयाउरा सुयणु! संजाया ?।।१०।। संस्कृत छाया :
देवेनैव कथितमागमनमस्य तव प्रत्यक्षम् ।
तर्हि किं एतं दृष्ट्वा भयातुरा सुतनो! सज्जाता ? ।।१०।। गुजराती अनुवाद :
हे सुंदरी! तारा सांभलता ज देव वडे आनुं आगमन कहेवायुं छे, तो स नभोवाहनने जोहने केन्म भयभीत थाय छे? हिन्दी अनुवाद :
हे, सुन्दरी! तुम्हारे सुनते हुए ही देव के द्वारा इसका आगमन कहा गया है, तो इस नभोवाहन को देखकर क्यों भयभीत होती हो? गाहा :
देवस्स दिव्व-मणिणो पभावओ सुयणु! सुंदरं होही।
मा मा कुणसु विसायं एतं दठूण एयंति ।।११।। संस्कृत छाया :
देवस्य दिव्यमणेः प्रभावतः सुतनो! सुन्दरं भविष्यति ।
मा मा कुरु विषादमायन्तं दृष्ट्वा एतमिति ।।११।। गुजराती अनुवाद :
हे प्रिये! देवना दिव्यमणिना प्रभावथी सुंदर ज थशे, नव्योवाहनने आवतो जोई (आ प्रमाणे) विषाद न कर! न कर! हिन्दी अनुवाद :
हे, प्रिये! देव के दिव्यमणि के प्रभाव से जो होगा वह सुन्दर ही होगा,
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