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जैन जगत् : १४३
श्री मोहनलालजी खारीवाल नहीं रहे
पार्श्वनाथ विद्यापीठ के उपाध्यक्ष एवं परम आत्मीय श्री मोहनलालजी खारीवाल का एक संक्षिप्त बीमारी के पश्चात् दिनांक २६ जनवरी २०१० को ८३ वर्ष की
ह
वय में निधन हो गया। श्री खारीवाल साहब का जन्म २७ दिसम्बर १९२७ को राजस्थान के पाली जिले के एक छोटे से गांव देवली कला में हुआ था। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा देवली कला में ही हुई। बाद में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से आपने बी. काम किया। उसके पश्चात् आपने 'एच.सी. खींचा एण्ड कम्पनी' में चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट के रूप में अपनी सेवाएं प्राम्भ कीं और अन्त तक आप उसी से सम्बद्ध रहे। आप भारत की अनेक शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक संस्थाओं से अत्यन्त सक्रिय रूप से जुड़े रहे। श्री हिन्दी शिक्षण संघ एवं श्री जैन शिक्षा समिति के आप संस्थापक सदस्य रहे। आप श्री भगवान् महावीर शिक्षण न्यास, बैंगलोर से घनिष्ठ रूप से जुड़े थे जो अनेक जैन विद्यालय और संस्थाएं चलाती हैं। आप लम्बे समय तक भारतीय विद्याभवन के बैंगलोर केन्द्र के कार्यकारिणी के सदस्य तथा बाद में उपाध्यक्ष रहे। भारतीय साहित्य में आपकी गहन रुचि थी। शिक्षण संस्थाओं के साथ आप बेंगलोर के अनेक सामाजिक संगठनों यथा- श्री जैन दया संघ, श्री शान्तिलाल वनमाली सेठ फाउन्डेशन आदि से जुड़े रहे जो जीवदया तथा चैरिटी का कार्य करती है।
आप पार्श्वनाथ विद्यापीठ से लगभग ४० वर्षों से जुड़े रहे। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की प्रबन्ध समिति के आप सक्रिय सदस्य रहे तथा संस्था को आपका सहयोग सदा मिलता रहा। विद्यापीठ के प्रकाशनों में आपकी गहरी रुचि थी तथा विद्यापीठ के विकास के लिये तन, मन, धन से आप सदा तत्पर रहते थे।
आपके निधन का समाचार सुनते ही पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार शोक सन्तप्त हो गया। आपके निधन से विद्यापीठ की अपूरणीय क्षति हुई है। इस अवसर विद्यापीठ श्री खारीवाल जी के प्रति अपनी भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित करता है।