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१३८ : श्रमण, वर्ष ६० - ६१, अंक ४, १ / अक्टू. - दिसम्बर ०९ - जन. - मार्च - १०
भोजन ग्रहण करन के पश्चात् मुनिश्री ने नगर के विशिष्ट लोगों को संबोधित किया जिसमें मंत्रिमंडल के कई मंत्री, आई.ए.एस., आई.पी.एस. व अन्य विशिष्ट जन मौजूद थे।
यह इतिहास की पहली घटना है जब सी.एम. हाउस पर कोई जैन सन्त गया हो और जिसे मुख्यमंत्री ने सपरिवार आहार दिया हो। इससे पूर्व भी मुनिश्री अपने बैंगलोर प्रवास के दौरान वहाँ के राजभवन में इतिहास रच चुके हैं।
तेरहवें महावीर पारितोषिक की घोषणा
श्री एन. सुगालचन्द जैन ने २२ दिसम्बर के प्रेस सम्मेलन में १३वें महावीर पारितोषिक विजेताओं की घोषणा की। यह पारितोषिक श्री महावीर न्यास (सन् १९९४ ई.)के द्वारा प्रतिवर्ष अहिंसा और शाकाहार, शिक्षा व चिकित्सा तथा समुदाय व समाज सेवा के क्षेत्र में चुने गये व्यक्तियों / संस्थाओं को दिया जाता है। प्रत्येक पारितोषिक के तीन घटक हैं- पाँच लाख रुपये नकद, प्रशस्ति-पत्र, और स्मृतिचिह्न। अब तक ३२ पारितोषिक दिये जा चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट के भूतपूर्व प्रधान न्यायमूर्ति श्री वेंकटचेल्लैया के नेतृत्व में एक पारितोषिक एवार्डिंग समिति बनी है। इस समिति के सदस्य भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री राम विलास मिर्धाजी, श्री दीपचंदजी गार्डी बार एट-ला, पूज्य आचार्य श्री चन्दना जी महाराज, पद्मभूषण श्री डी. आर. मेहता जी (भूतपूर्व अध्यक्ष, से.बी.), मंगलूर भारतीय विद्याभवन केन्द्र के अध्यक्ष श्री बी.एम.हेगडे जी और एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउण्डेशन के अध्यक्ष श्री एम. एस. स्वामीनाथन तथा भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री. टी. एस. कृष्णमूर्ति हैं। इस समिति ने तीन निम्नलिखित पारितोषिकों के नामों की घोषणा की
पारितोषिक- (अ) अहिंसा और शाकाहार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए श्री मुहम्मद अब्रार कुरेशी, थाने (महाराष्ट्र) के वासी । कसाई समाज में जन्मे श्री कुरैशी महाराष्ट्र के निवासी हैं। ये जानवरों के अधिकार व भलाई के क्षेत्र के सक्रिय कार्यकर्त्ता है।
पारितोषिक- (आ) शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए ट्राइबल हेल्थ इनिशियेटिव, धर्मपुरी (तमिलनाडु) को दिया गया है। ट्राइवल हेल्थ इनिशियेटिव का आरंभ एक झोपड़ी में डॉ. रेगी व श्रीमती डॉ. ललिता रेगी के हाथों हुआ था। २४ गाँवों में उपलब्ध आज यह टी.बी. और कुण्ठ रोगियों का प्रसिद्ध अस्पताल बन गया है।