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________________ 03 जैन जगत् : १३७ में सम्पन्न हुआ। यह जन्म महोत्सव कार्यक्रम समाज के लिये लौकिक और आध्यात्मिक उन्नतिकारक हो इस मंगल कामना के साथ पार्श्वनाथ विद्यापीठ का मुनिश्री को शत् शत् नमन। श्रीमती बबीता जैन को पी-एच.डी. उपाधि राजस्थान विश्वविद्यालय के जैन अनुशीलन केन्द्र ने श्रीमती बबीता जैन को उनके शोध-प्रबंध “सराक आचार : श्रावकाचारइतिहास व पुरातत्त्व के परिप्रेक्ष्य में" के लिये उन्हें पी-एच.डी. की उपाधि प्रदान की। इन्होंने अपना शोधकार्य जैन साहित्य के मनीषी आचार्य डॉ. पी.सी. जैन, निदेशक, जैन अनुशीलन केन्द्र, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के निर्देशन में पूरा किया। श्रीमती बबीता जैन ने जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से एम.ए. (दर्शनशास्त्र) तथा राजस्थान विश्वविद्यालय से एम. फिल. (जैन अध्ययन) में किया है। अनेक प्रतिष्ठित पत्रपत्रिकाओं में आपके अनेक शोध-पत्र प्रकाशित हुए हैं। डॉ. जैन को पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से हार्दिक बधाई। तरुणसागरजी ने रचा इतिहास पूज्य श्री क्रान्तिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुणसागरजी ने २० दिसम्बर ०९ में रायपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के निवास पर जाकर न केवल वहाँ के अतिविशिष्ट जनों को सम्बोधित किया अपितु वहीं पर अपनी आहारचर्या सम्पन्न की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी ने अपनी पत्नी वीणा सिंह, पुत्र अभिषेक कुमार के साथ भक्तिभाव से पड़गाहन किया और नवधाभक्ति पूर्वक पूज्यश्री को आहार दिया। ध्यातव्य है कि मुनिश्री केवल शाकाहारी व्यक्ति के हाथों ही आहार व जल ग्रहण करते हैं। डॉ. रमन सिंह यद्यपि जाति से राजपूत हैं लेकिन वे पूरी तरह शाकाहारी हैं और उन्होंने अपने इस संकल्प को पुनः मुनिश्री के समक्ष दुहराया।
SR No.525071
Book TitleSramana 2010 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages272
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size20 MB
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