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श्रमण, वर्ष ६०-६१, अंक ४-१ अक्टू.-दिस.०९-जन.-मार्च १०
करियाणा जैन जगतगाण्ड महाका
प्राकृत जन-शान और अहिंसा शोध संस्थान देशाती
डॉ० हशालाल बैन पति व्यायानमाला
वैशाली में डॉ. 'हीरालाल जैन स्मृति व्याख्यानमाला' सम्पन्न
प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली, बासोकुण्ड मुजफ्फरपुर में २७ नवम्बर, २००९ को पूर्वाह्न संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. हीरालाल
जैन की स्मृति में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव ने की तथा मुख्य अतिथि थे विधायक श्री अशोक कुमार सिंह थे।
मुख्य व्याख्यानकर्ताओं में प्राकृत भाषा और साहित्य के विद्वान तथा ख्यातिप्राप्त वास्तुविद् डॉ. जयकुमार उपाध्ये, उपाचार्य प्राकृत भाषा विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ प्रमुख थे। व्याख्यानमाला में डा० वशिष्ठ नारायण सिन्हा, पूर्व आचार्य, दर्शनशास्त्र विभाग, काशी विद्यापीठ एवं डॉ० देव नारायण शर्मा, पूर्व निदेशक, प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली जैसे वरिष्ठ आचार्यों ने भी अपना उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर प्राकृत और जैन शास्त्र विषय में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले संस्थान के छात्र श्री राजेन्द्र पाटिल को डॉ. भागचन्द्र जैन स्वर्णपदक एवं प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. वशिष्ठ नारायण सिन्हा द्वारा लिखित पुस्तक 'आस्पेक्ट्स आफ नॉन-वॉयलेन्स' एवं वैशाली इन्स्टीट्यूट रिसर्च बुलेटिन न. २१ का लोकार्पण माननीय विधायक एवं अन्य अतिथियों द्वारा किया गया।
अपने अध्यक्षीय वक्ततव्य में डॉ. सूरिदेव सूरि ने कहा कि इस व्याख्यानमाला का आयोजन करके संस्थान के निदेशक एवं पदाधिकारियों ने न केवल डॉ. जैन का स्मरण किया है बल्कि प्राकृत भाषा सहित सभी प्राच्य-भाषाओं का सम्मान किया है।