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________________ १३४ : श्रमण, वर्ष ६० - ६१, अंक ४, १ / अक्टू. - दिसम्बर ०९ - जन. - मार्च - १० १३. प्रत्येक माह के किसी एक रविवार को पार्श्वनाथ विद्यापीठ में सेमिनार / व्याख्यान का आयोजन किया जायेगा जिसका विवरण श्रमण में विद्यापीठ की गतिविधियों के अन्तर्गत प्रकाशित किया जायेगा । १४. 'श्रमण' की आजीवन सदस्यता शुल्क १०००/- रुपये निर्धारित की गयी है। चेक अथवा नकद रूप से आप यह राशि भेज कर श्रमण के आजीवन सदस्य बन सकते हैं। १५. आर्थिक सहयोग करने वालों के नाम श्रमण में प्रकाशित किये जायेंगे। १६. 'श्रमण' को और अच्छा बनाने के लिये आप अपने सुझावों से हमें अवगत करावें ताकि पत्रिका को और समुन्नत और उत्कृष्ट बनाया जा सके। १७. श्रमण में समीक्षार्थ पुस्तकों तथा पत्र-पत्रिकाओं की दो प्रतियाँ भेजें। शतावधानी रतनचन्द्र पुस्तकालय पार्श्वनाथ विद्यापीठ में शतावधानी रतनचन्द्र पुस्तकालय की स्थापना दि. १.१.१९३८ में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिये की गयी। उस समय कुल १०५ पुस्तकों तथा कुछ गवेषणात्मक लेखों एवं पत्र-पत्रिकाओं के साथ इसका शुभारम्भ हुआ था। आज यह पुस्तकालय उत्तर भारत में जैन विद्या से सम्बन्धित अध्ययन सामग्री के संग्रह के रूप में अपना प्रथम स्थान रखता है। यहाँ पर जैन - विद्या के आगम-ग्रन्थों (मूलसूत्र, चूर्णि, टीका, भाष्य आदि) तथा धर्म-दर्शन सम्बन्धी ग्रन्थों के अतिरिक्त साहित्य, कोश, नाटक, व्याकरण, इतिहास, भूगोल ज्योतिष, आयुर्वेद, पुरातत्त्व आदि विषयों की सामग्री भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। पुस्तकालय में वैदिक साहित्य, पाश्चात्य दर्शन आदि बौद्ध साहित्य, जैनेतर साहित्य के मूल एवं सभी प्रकार के सन्दर्भ ग्रंथ उपलब्ध हैं। पुस्तकालय में दुर्लभ ग्रंथों के अतिरिक्त हस्तलिखित ग्रंथों (पाण्डुलिपियों) का भी अच्छा संग्रह है। इस पुस्तकालय का उपयोग भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अध्यापक तथा छात्र अपने शोध एवं अध्ययन हेतु करते हैं। इसके अतिरिक्त विदेशी विद्यार्थी भी जैन-विद्या के अध्ययन एवं शोध हेतु यहाँ पर प्रायः आते रहते हैं।
SR No.525071
Book TitleSramana 2010 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages272
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size20 MB
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