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निबन्ध-प्रतियोगिता में पुरस्कृत आलेख
पार्श्वनाथ विद्यापीठ विगत चार वर्षों से नवयुवकों के बौद्धिक विकास एवं जैन धर्म-दर्शन के प्रति उनकी जागरुकता को बनाये रखने के लिए निबन्ध-प्रतियोगिता का आयोजन करता आ रहा है। चौथी प्रतियोगिता वर्ष २००७-०८ में 'विज्ञान के क्षेत्र में अहिंसा की प्रासंगिकता' विषय पर आयोजित की गयी थी। इसमें कुल ६० (साठ) आलेख प्राप्त हुए थे। ३२ आलेख ग्रुप 'ए' में तथा २८ आलेख ग्रुप 'बी' में आये थे। ग्रुप 'ए' उन प्रतिभागियों के लिए है जिनकी आयु १८ वर्ष से कम है तथा ग्रुप 'बी' में वे प्रतिभागी आते हैं जिनकी आयु १८ वर्ष से अधिक है। दोनों ग्रुप में तीनतीन पुरस्कार दिये जाते हैं - प्रथम, द्वितीय और तृतीय जिनकी राशि क्रमशः २५००/ -, १५००/- और १०००/- रुपये होती है।
प्राप्त आलेखों को जिन तीन विषय-विशेषज्ञों ने मूल्यांकित किया उनके प्रति हम आभार प्रकट करते हैं। दोनों ग्रुप में से जिन तीन लोगों को पुरस्कृत किया गया उनके नाम हैं - ग्रुप 'ए'
१. श्री हिमांशु सिंघवी - प्रथम २. कु. निकिता चोपड़ा - द्वितीय ३. कु० प्रियंका चोरड़िया - तृतीय
ग्रुप 'बी'
१. श्रीमती सरोज गोलेछा - प्रथम २. श्रीमती कमलिनी बोकरिया - द्वितीय ३. श्री छैल सिंह राठौड़, श्री रामस्वरूप जैन - तृतीय संयुक्त रूप से
श्रमण के प्रस्तुत अंक में पुरस्कृत उपर्युक्त विजेताओं के आलेख प्रकाशित किये जा रहे हैं।
- सम्पादक
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