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________________ २२ : श्रमण, वर्ष ५९, अंक १ / जनवरी-मार्च २००८ आदि बारह द्वारों के माध्यम से चर्चा की गयी है । अन्त में इन्द्रियों के भेद-प्रभेद का विचार प्रस्तुत किया गया है । (९७२-१०६७) प्रयोगपद सोलहवें प्रयोगपद में सत्यमनः प्रयोग, असत्यमन: प्रयोग, सत्यमृषामनः प्रयोग, असत्यमृषामनः प्रयोग; इसी प्रकार वचन प्रयोग के चार भेद- औदारिकशरीरकाय प्रयोग, औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोग, वैक्रियशरीरकायप्रयोग, वैक्रियकमिश्रकायप्रयोग, आहारकशरीरकायप्रयोग, आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोग तथा तैजसकार्मणशरीरकायप्रयोग, (१-५) बताये गये हैं । गतिप्रपात के पांच भेद बताये गये हैं- प्रयोगगति, ततगति, बंधनछेदनगति, उपपातगति और विहायगति । (१०६८ - ११२२) लेश्यापद सत्रहवें लेश्यापद में छः उद्देशक हैं । प्रथम उद्देशक में समकर्म, समवर्ण, समलेश्या, समवेदना, समक्रिया, और समआयु नामक अधिकार हैं । दूसरे उद्देशक में- कृष्ण, नील, कापोत, तेज, पद्म और शुक्ल लेश्या के आश्रय से जीवों का वर्णन किया गया है। तीसरे उद्देशक में लेश्या सम्बन्धी प्रश्नों का उत्तर दिया गया है। चौथे उद्देश में परिणाम, वर्ण, रस, गंध, शुद्ध, अप्रशस्त, संक्लिष्ट, उष्ण, गति, परिणाम, प्रदेश, अवगाढ, वर्गणा, स्थान और अल्प - बहुत्व नाम के अधिकारों का वर्णन है । साथ ही लेश्याओं के वर्ण और स्वाद का भी वर्णन है। पांचवें उद्देशक में लेश्या का परिणाम बताया गया है। छठें उद्देशक में किसकी कितनी लेश्याएं होती हैं? इस विषय का वर्णन है । (११२३ - १२५८ ) काय स्थितिपद अठारहवें कायस्थितिपद में जीव, गति, इन्द्रिय, योग, वेद, कषाय, लेश्या, सम्यक्त्व, ज्ञान, दर्शन, संयत, उपयोग, आहार, भाषक, परित्त, पर्याप्त, सूक्ष्म, संज्ञी, भवसिद्धिक, अस्तिकाय और चरम के आश्रय से कायस्थिति का वर्णन है । (१२५९१३९८) सम्यक्त्वपद उन्नीसवें सम्यक्त्वपद में सम्यग्दृष्टि, मिथ्यादृष्टि और सम्यक्-मिथ्यादृष्टि के भेद से जीवों का वर्णन है । (१४०५) अन्तक्रियापद बीसवें अन्तक्रियापद में यह बताया गया है कि कौन-सा जीव अन्तक्रिया कर सकता है और क्यों? साथ ही अन्तक्रिया शब्द वर्तमान भव का अन्त करके नवीन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525063
Book TitleSramana 2008 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Vijay Kumar
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2008
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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