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________________ पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्राङ्गण में : १२५ जैन-बौद्ध दर्शन विभाग, प्राच्यविद्या संकाय, का हि०वि०वि०; डॉ० कौशिक रावल, पाटण; डॉ० अरुण प्रताप सिंह, बजरंग महाविद्यालय, बलिया, डॉ० हरिहर सिंह, प्रा.भा.इ.सं. एवं पुरातत्त्व विभाग, का०हि०वि०वि०, ने की। __ अपराह्न ३.३० बजे समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ० संदीप पाण्डेय ने कहा कि प्रदूषण से छुटकारा भाषण से संभव नहीं है। इसके लिए सभी को व्यक्तिगत स्तर पर पहल करना होगा। हमें अपनी जीवन शैली को बदलना होगा। भोगवादी प्रवृत्ति को त्यागना होगा। दुनियां का कोई भी देश पानी नहीं बना सकता,अलबत्ता जलस्रोतों का अनियंत्रित दोहन अवश्य किया जा रहा है। मिनरल वाटर, कोलड्रिंक्स हमारी भोगवादी सोच की देन है,इन पर लगाम कसने पर ही सभी को पीने योग्य जल भविष्य में मिल पायेगा। समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए डॉ० सन्दीय पाण्डेय एवं मंचासीन प्रो० कमलेश दत्त त्रिपाठी, डॉ० सत्येन्द्र त्रिपाठी, प्रो० हृदय रंजन शर्मा एवं डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सत्येन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि हमें अपनी आवश्यकताओं को दायरे तक सीमित करना होगा। अनेक देश ऐसे हैं ऐसे हैं जहाँ शौचालय का इस्तेमाल यदि सास करती है तो बहू उस शौचालय का उपयोग नहीं करती जिससे पानी का अपव्यय होता है। अतः हमें ऐसे सोच से बचना होगा। समापन-सत्र के प्रारम्भ में पार्श्वनाथ विद्यापीठ के डाइरेक्टर-इंचार्ज डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय ने पर्यावरण के प्रति प्राचीन काल से जैन धर्म की सजगता पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ० सुमन जैन ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर हृदयरंजन शर्मा ने किया। साध्वीवृंद का पार्श्वनाथ विद्यापीठ से सानन्द विहार खरतरगच्छ-ज्योति पूज्या साध्वीवर्या श्री चन्द्रप्रभा श्री म.सा. की चार शिष्याएँ - साध्वी श्री संयमपूर्णा श्री जी, साध्वी रत्ननिधि श्री जी, साध्वी पुण्यनिधि श्री जी और साध्वी श्रद्धानिधि श्री जी म०सा० अध्ययनार्थ पार्श्वनाथ विद्यापीठ पधारी थीं। इनमें साध्वी श्री रत्ननिधि श्री जी और साध्वी पुण्यनिधि श्री जी क्रमशः 'जैन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525063
Book TitleSramana 2008 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Vijay Kumar
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2008
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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