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________________ कर्पूरमञ्जरी में भारतीय समाज : १५ जं बाला मुहकुंकुमम्मि वि य वटुंति ढिल्लाअरा तं मण्णे सिसीरं विणिज्जिअ बला पत्तो वसंतूसवो।।१८ यहां पर ओष्ठ पर प्रयोग किये जाने वाले मअणं (विशेष प्रकार के विलेपन द्रव्य) तथा मुह (गालों पर लगाए जाने वाले कुंकुम-विलेपन द्रव्य) का उल्लेख है। अन्यत्र भी कुंकुम का उल्लेख मिलता है - जाअं कुंकुमपंकलीढमरढी१९... औषध प्रयोगः चिकित्सकीय ज्ञान प्रभूत मात्रा में विद्यमान था। अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियों का प्रयोग औषध के रूप में किया जाता था। हल्दी, चंदन, शिशिरोपचार सामग्री, चंदन रस आदि का प्रयोग होता था। चंदन को महोषधि के रूप में वर्णित किया गया है। चंदनरस रूप महोषधि ज्वरतप को दूर करने में समर्थ होता है लेकिन विरह जन्य ताप को वह दूर नहीं कर पाता - ण चंदणमहोसहं हरइ देहदाहं च मे२०। दो स्थलों पर शिशिरोपचार सामग्री का वर्णन भी मिलता है। निम्नलिखित श्लोक में अनेक प्रकार की औषधियों का वर्णन है - दूरे किज्जउ चंपअस्स क लिआ कज्ज हलिद्दीअ किं उतत्तेण अ कंचणेण गणणा का णाम जच्चेण वि।। लावण्णस्स णवुग्गदिंदुमहुरच्छाअस्स तिस्सापुरो पच्चग्गेहि वि केसरस्स कुसुमक्केरेहि किं कारणं।।२१ अर्थात् नवोदित चन्द्रमा की तरह मधुर कान्तिवाले उसके लावण्य के समक्ष चम्पा की कली को दूर करो, हल्दी का भी क्या प्रयोजन? शुद्ध और तपाये हुए सोने की भी क्या गिनती? ताजे केशर के फूलों के ढेर से भी क्या प्रयोजन? मनोरञ्जन के साधनः तत्कालीन सामाजिक जीवन में अनेक प्रकार के मनोरञ्जन के संसाधनों का प्रयोग किया जाता था। विविध-प्रकार के उत्सव मनाये जाते थे। वंसतोत्सव या चैत्रमहोत्सव युवा हृदय को अत्यधिक प्रिय था। चैत्र महोत्सव काम का महोत्सव है। काम के बाण इतने तीक्ष्ण होते हैं कि उनसे घायल मानिनी युवतियों का मान पतियों के सामने ठहर नहीं पाता है - माणं मुंचध देह वल्लहजणे दिहिँ तरंगुत्तरं तारुण्णं दिअहाइ पंच दह वा पीणत्थणुत्थमणं। इत्थं कोइलमंजुसिंणामसा देवस्स पंचेसुणो दिज्जा चेत्तमहावेण भुअणं आणव्व सव्वंकसा२२।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525057
Book TitleSramana 2006 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2006
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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