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६० : श्रमण/जनवरी-जून २००२ संयुक्तांक ५८- दीर्घदशा
ठा० ७५५ ५९- दृष्टिविषभावना
व्य०,पा०,योगनन्दी ६०- देवेन्द्रोपपात
व्य०,नं०,पा० ६१- द्विगिद्धिदिशा
ठा० ७५५ ६२- धरणोपपात
व्य०,नं०,पा० ६३- ध्यानविभक्ति
नं०,पा० ६४- नागपरिज्ञापनिका
व्य०,नं०,पा० ६५- पुण्डरीक
ध० ६६- पोरुषीमण्डल
नं०,पा० ६७- प्रमादाप्रमाद
नं०,पा० ६८- बन्धदशा
ठा० ७५५ ६९- मण्डलप्रवेश
नं०,पा० ७०- मरणविशुद्धि
योगनन्दी ७१- महतीविमानप्रविभक्ति
व्य०,नं०,पा०,ठा० ७२- महाकल्पश्रुत
नं०,पा०,ध० ७३- महापुण्डरीक
ध० ७४- महाप्रज्ञापना
नं०,पा० ७५- महास्वप्नभावना
व्य०,पा०,योगनन्दी ७६- वरुणोपपात
व्य०,नं०,पा०,ठा० ७७- विद्याचरणविनिश्चय
नं०,पा० ७८- विहारकल्प
नं०,पा० ७९- वीतरागश्रुत
नं०,पा० ८०- वृष्णिका
नं०,पा०,योगनन्दी ८१- वेलन्धरोपपात
व्य०,नं०,पा०,ठा० ८२- वैनयिक
ध०
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